मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को बांटी जाएगी जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसादलोक कलाकारों की भी होगी प्रस्तुति

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मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को बांटी जाएगी जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसादलोक कलाकारों की भी होगी प्रस्तुति

राजनांदगांव। मानव सेवा व जनकल्याण के लिए अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी बफार्नी सेवाश्रम समिति द्वारा अपने आशीर्वादक राष्ट्रीय संत श्री श्री 1011 योगाधिराज ब्रम्हर्षि बफार्नी दादा जी के आशीर्वाद से संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ बफार्नी आश्रम में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर शनिवार की रात्रि में मनाई जाएगी।

इस अवसर पर स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। इसके अलावा लोक कलाकारों की भी प्रस्तुति रात्रि 10 बजे से प्रारंभ होगी।संस्था द्वारा जारी की गई

विज्ञप्ति में बताया कि सारे देश में मनाए जाने वाले मां भगवती के साधना व भक्ति का महापर्व शारदीय क्वांर नवरात्रि पर्व बफार्नी आश्रम स्थित मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ में श्रद्धालुओं द्वारा 2063 ज्योति कलश प्रज्ज्वलन व नवरात्र पर कुवारी कन्या भोजन व महाआरती व ज्योत विसर्जन का आयोजन संपन्न होने के बाद संस्था द्वारा जनकल्याण के तहत स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को पिछले 24 वर्षों से दुर्लभ जड़ी बुटियां एकत्रित कर वितरीत की जाती है।

इस वर्ष चन्द्रग्रहण होने के कारण पौराणिक मान्यताओं अनुसार जड़ी बुटी युक्त खीर प्रसादी तैयार कर स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को चन्द्रग्रहण समाप्ति पश्चात स्नान ध्यान व शुद्धीकरण पश्चात देवी देवताओं की आरती के बाद ब्रम्हमुहूर्त में खीर प्रसाद वितरीत की जाएगी।

इस वर्ष भी संस्था द्वारा लगभग 30 हजार से भी अधिक पीड़ितों के लिए खीर प्रसाद तैयार करवाया जा रहा है। जिसे शरद पूर्णिमा की रात्रि चन्द्रकला से प्राप्त होने वाली अमृतरूपी प्रसाद तैयार कर श्रद्धालुओं को नि:शुल्क वितरीत किया जाएगा। इसके लिए संस्था ने व्यापक पैमाने पर तैयारी प्रारंभ कर दी है।

वहीं पीड़ितों से पंजीयन कराकर अपेक्षा की है कि प्रसाद ग्रहण करने से 6 घंटा पूर्व व पश्चात न सोये। संस्था द्वारा लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने की दृष्टिकोण से प्रतिवर्ष विलुप्त होती व मनोरंजन के भरपूर रहने वाली नाचा पद्धति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस वर्ष भी वनवासी क्षेत्र मोहला छत्तीसगढ़ नाचा पार्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

संस्था ने आयोजन को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व नगर निगम से भी सहयोग मांगा है। संस्था के द्वारा श्रद्धालुओं से अपेक्षा की गई है कि वे अपना पंजीयन मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ पहुंचकर अवश्य कराएं।इस आयोजन को लेकर संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, श्रीगुरुचरण सिंह छाबड़ा, महेन्द्र लुनिया, दामोदर अग्रवाल, कमलेश सिमनकर, संतोष खंडेलवाल, सूरज जोशी, आलोक जोशी, लीलाधर सिंह, बलविंदर सिंह भाटिया, कुलबीर छाबड़ा, संजय खंडेलवाल, योगेन्द्र पांडे, मनीष परमार सहित अन्य सदस्यगण तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं।

शरद पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण के चलते मंदिर का पट बंद रहेगाबर्फानी सेवाश्रम समिति द्वारा जनकल्याण व मानव सेवा के तहत पिछले 24 वर्षों से शरद पूर्णिमा पर आयोजति स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ीबुटीयुक्त खीर प्रसाद का वितरण किया जाता है। जिसमें अंचल सहित देश के विभिन्न राज्यों से पीड़ितजन आते हैं।

इस बार 28 अक्टूूबर शनिवार को चन्द्रग्रहण पड़ रहा है। ग्रहण का प्रारंभ रात्रि 1.05 बजे से होगा और मोक्ष रात्रि 2.23 मिनट को होगा व ग्रहण का सुतक संध्या 4 बजे से प्रारंभ होगा। इस कारण सिद्धपीठ का पट संध्या 4 बजे से लेकर ग्रहण समाप्ति तक बंद रहेगा।

जिसके पश्चात समस्त देवी देवताओं व सिद्धपीठ का स्नान, ध्यान व शुद्धिकरण व आरती पश्चात पीड़ितों को जड़ीबुटीयुक्त खीर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस बार चुंकी पूर्णिमा तिथि एक ही है और ग्रहण काल में दूध सहित बीमार वच्चे व वृद्धों को ग्रहण में मान्यता अनुरूप से छूट रहती है। जिसे देखते हुए समिति ने निर्णय लिया है कि ग्रहणकाल को ध्यान में रखते हुए प्रसाद तैयार करवाया जाएगा और ग्रहण समाप्ति पश्चात ब्रम्हमुहूर्त पर इस प्रसाद का वितरण किया जाएगा।