दोषी कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता पर कार्रवाई करें महापौर, या इस्तीफा दें – किशुन यदु
पीएम आवास के हितग्राही कर्ज तले दबे, कईयों के पास बारिश में सिर छिपाने जगह नहीं, बेबसी में आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा रहे
राजनांदगांव- प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की दयनीय स्थिति के लिए निगम के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि – अपने आवास का सपना संजोने वाले गरीब आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इससे बड़ी शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है। कांग्रेस की सत्ता में गरीबों का शोषण और उन्हें लाभों से वंचित किया जाना निंदनीय और मानवता के विरुद्ध है। गौरतलब है कि कौरिनभाठा के रहने वाले 44 साल के महादेव यादव पीएम आवास के लिए अधिकृत हितग्राही के तौर पर किस्त के लिए अफसरों का लंबे समय से चक्कर काटता रहा। जब उसे योजना का लाभ नहीं मिल सका तो उसने निराश होकर आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लिया।
उसने जहर सेवन कर लिया। परिजन उसे सहीं समय पर अस्पताल लेकर पहुंच गए जिसके चलते उसकी जान बच सकी। किशुन यदु ने कहा कि – पीएम आवास को लेकर पहले भी एक महिला ने आत्मदाह कर अपने प्राण दे दिए। तब भी कार्यपालन अभियंता यूके रामटेके और सहायक अभियंता संदीप तिवारी ही इस योजना का कार्यभार संभाल रहे थे। आज फिर एक हितग्राही ने मजबूरन घातक कदम उठाया है।
अभी भी ये दोनों अधिकारी ही इस विभाग का प्रभार संभाल रहे हैं। सवाल यह है कि, आखिर क्यूं पात्र हितग्राहियों को भी पीएम आवास का लाभ नहीं दिया जा रहा है। ये अफसरों की बड़ी चूक है। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि – क्यूं महापौर ऐसे मामलों में कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता पर कार्रवाई से कतरा रहीं हैं। जिस तरह पीएम आवास के लिए पात्र हितग्राही परेशान हो रहे हैं, उनसे दफ्तर के चक्कर कटवाएं जा रहे हैं, यह देखते समझते हुए भी महापौर चुप्पी साधे बैठी हैं। एक तरह से वे दोषियों को संरक्षण दे रहीं हैं जो कि अनुचित है और नैतिकता के भी विरुद्ध है।
हितग्राहियों की समस्या पर उन्होंने कहा कि – पीएम आवास योजना की किस्तें न मिलने के चलते सैकड़ों परिवार कर्ज में लद गए हैं। कईयों ने नवनिर्माण के लिए अपने घर ढहा दिए और अब बारिश में उनके पास छत भी नहीं है। वे बेबस न्याय की टकटकी लगाए हुए हैं। महापौर, आयुक्त का रवैया अमानवीय है। वे भी दोषी हैं। नेता प्रतिपक्ष ने तत्काल इस मामले पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषी अफसरों से पीएम आवास योजना का प्रभार वापस लिए जाए और उनके कार्यकाल की जांच भी की जाए। हितग्राहियों को जल्द से जल्द किस्त का भुगतान भी हो और उन्होंने बार बार दफ्तर का चक्कर काटने के लिए मजबूर न होना पड़े।
अगर, महापौर ऐसा करने में असमर्थ हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि निगम के एक विश्वसनीय पद की गरिमा बनी रहे और लोगों में न्याय की उम्मीद जिंदा रहे।