छात्रों ने बनाए माटी के गणेश, संस्कृति के पाठ के साथ प्रकृति का संरक्षण

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शुभम उपाध्याय राजनांदगांव

*छात्रों ने बनाए माटी के गणेश, संस्कृति के पाठ के साथ प्रकृति का संरक्षण*

राजनांदगांव/कन्फ्लूएंस कॉलेज की शिक्षा विभाग , राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई,बेस्ट प्रैक्टिस सेल,एल्यूमिनी एसोसिएशन और आइक्यूएसी प्रकोष्ठ संयुक्त प्रयास से मिट्टी के गणेश जी बनाने की कार्यशाला का आयोजन सुपर स्पेशलिस्ट पीड़ी लाइट इंडस्ट्रीज मुंबई की फेविकक्राई टीचर द्वारा किया गयाl

जिसमें श्रीमती विनीता गुप्ता द्वारा नदियों,सरोवरों और पोखरों के पानी को प्रदूषित होने से बचने के लिए मिट्टी से गणेश जी की प्रतिमा बनाने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया l प्रो. विजय मानिकपुरी रासेयो कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि विद्यार्थी इकोफ्रेंडली गणेश बनाना सीख रहे हैं छात्र बड़ी रुचि के साथ प्रतिमा बना रहे हैं और मिट्टी की गणेश प्रतिमा स्थापित किए जाने का संकल्प भी ले रहे हैं

जिससे पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखकर मिट्टी में ज्वार,फूलों के बीच मिलाकर मिट्टी से भगवान गणेश को आकार दिया जा रहा है जिसे गमले में विसर्जन के बाद वह प्लांट में बदल जाएl प्राचार्य डॉ.रचना पांडे ने कहा कि भगवान श्री गणेश बुद्धि के देवता हैं वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करने का विवेक प्रदान करते हैं भगवान गणेश की आराधना हमें शक्ति और समृद्धि देती है इसलिए प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा और सुरक्षा की जिम्मेवारी भी हमारी है और आज के इस प्रशिक्षण से हम पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्प भी लेते हैं

इसलिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की गई हैl महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ.मनीष जैन ने प्रशिक्षक का पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया और कहा कि प्रशिक्षण में गणेश जी की मूर्ति के प्रति लोगों को संकल्प दिलाकर प्रतिमा बनाने हेतु सिखाना प्रकृति के प्रति संकल्प और स्नेह को दर्शाता है,आज पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने और आने वाले वर्षों में भी मिट्टी के गणेश स्थापित करने हेतु हम सभी को प्रेरणा प्राप्त हो रही हैl

प्रशिक्षणकर्ता विनीता गुप्ता ने बताया कि गणेश प्रतिमा को हम पर्यावरण के अनुरूप तैयार करेंगे और मूर्ति में हम कुछ बीज डालेंगे जिससे विसर्जन के बाद वह प्लांट के रूप में तैयार होl आज लोग पीओपी के प्रतिमा रखते हैं जब वह विसर्जित होता है तो घुलता नहीं और पानी भी दूषित होता है

वह मानव एवं जीव जंतु के जीवन को हानि पहुंचाती है यहां पर विद्यार्थियों में काफी उत्साह है और लगभग इक्चालीच मूर्ति विद्यार्थियों ने तैयार किया हैl प्रशिक्षण कार्यशाला में शिक्षा विभाग के प्रीति इंदौरकर सहित स्नातक विभाग के विद्यार्थी एवं प्राध्यापकों और बीएड.के विद्यार्थियों ने गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया l