राजनांदगांव। केंद्र्रीय बजट कुल मिलाकर लोक लुभावन शब्दों का ढेर है। इस बजट से लोगों की सुविधाएं कम होती जाएगी। लोगों को हर सुविधा के लिए पैसे खर्चे करने पड़ेंगे। टैक्स सीमा को 12 लाख रूपये के बजाए 15 लाख रपये करना था। नये आईआईटी 5 के बजाए ज्यादा खोले जाने चाहिए। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में जाने वाले युवाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेडिकल कालेजों में 1 लाख नई सीटें बढ़ानी चाहिए।
अल्प संख्यक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आफताब अहमद ने केंद्रीय बजट को छोटे व्यापारियों के हिसाब से नाकाफी बताते हुए कहा कि जीएसटी के आतंक से छोटे-बड़े सब व्यापारी त्रस्त हैं। व्यापारी बड़¸ी आस भरी निगाहों से केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर देख रहे थे कि जीएसटी के आतंक से कुछ राहत मिलेगी, पर ऐसा नहीं हो रहा है। इस बजट से मंहगाई बढ़ेगी और गरीब तबका परेशानी से और जुझेगा।
आफताब अहमद ने कहा कि केंद्रीय बजट से छत्तीसगढ़ को केवल निराशा हाथ लगी है। बैशाखियों के सहारे राज कर रही केन्द्र सरकार के बजट में बैशाखियों के रूप में सहारा देने वाले राज्यों पर मोदी सरकार ने बजट के माध्यम खूब प्यार लुटाया है। छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा पर पूरा भरोसा जताया और केंद्रीय बजट ने इस भरोसे को तोड़ा है।