धर्म मंच में गौ- सेवा आयोग अध्यक्ष के हाथों सम्मानित हुए साहित्यकार कोशा संस्कार धानी में सप्ताह भर तक बही दुर्लभ सत्संग की ज्ञान धारा

20

*धर्म मंच में गौ- सेवा आयोग अध्यक्ष के हाथों सम्मानित हुए साहित्यकार कोशा संस्कार धानी में सप्ताह भर तक बही दुर्लभ सत्संग की ज्ञान धारा

* राजनांदगांव / संस्कारधानी के गांधी सभागार में आयोजित स्वामी विजयानंद गिरी ‌के दुर्लभ सत्संग आयोजन के धार्मिक मंच में मुख्य अतिथि छ०ग० शासन गौ- सेवा आयोग के अध्यक्ष विश्वेश्वर सिंह पटेल के हाथों वरिष्ठ कवि/साहित्यकार एवं पत्रकार आत्माराम कोशा “अमात्य” का भाव -भीना सम्मान किया गया।बता दें कि शहर के गांधी सभागार में स्वामी विजयानंद गिरी जी महाराज के मुख से धर्म अध्यात्म व सांसारिक ज्ञान से भरी ज्ञान गंगा सप्ताह भर तक प्रवाहित होती रही। जिसे श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में सुधि श्रोता जन उपस्थित थे।

उक्त आयोजन का धर्म अध्यात्म पूरित ज्ञानवर्धक वचनों का बेहतर रिपोर्टिंग कोशा जी ने की थी।शहर में आयोजित उक्त दुर्लभ सत्संग के समापन अवसर पर कबीरधाम क्षेत्र के ग्राम लोहरा निवासी गौ- सेवा आयोग अध्यक्ष श्री पटेल जी द्वारा कोशा जी का चंदन तिलकाभषेक कर तथा भगवान श्री कृष्ण का मनोहारी चित्र व प्रशस्ति भेंट कर सम्मान किया गया। बता दें कि गौ- सेवा आयोग के अध्यक्ष जी कवि/साहित्यकार के रूप में अच्छे से परिचित है। वे उनके महाकुंभ पर रचित छत्तीसगढी कविता व शिवनाथ नदी पर रचित अपने आराध्य भगवान श्री राम का चरण पखारने शिवनारायण पहुंची शिवनाथ आलेख से बहुत प्रभावित हुए। इसलिए श्री कोशा दुर्लभ सत्संग कार्यक्रम में सम्मान के लिए विशेष रूप से आमंत्रित थे।*

निस्पृह एवं वितरागी संत हैं विजयानंद गिरी जी*धर्म मंच में कोशा जी के सम्मान अवसर पर गौ- सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री पटेल ने कहा कि ऋषिकेश से पधारे गीता प्रेस गोरखपुर के स्वामी रामसुखराम दास के शिष्य स्वामी विजयानंद गिरी जी बिल्कुल निस्पृह और वितरागी पुरुष हैं। वे किसी से एक पैसा दान‌ लेते है और न सत्संग के समय आरती पूजा में पैसा चढ़ावा चढ़ाने देंते है। यहां तक कि व्यास गद्दी में आसीन होने के बाद भी भक्तों से हार फूल‌ भी नहीं पहनते। उन्होंने कहा कि- जिसे न पद पैसे की चाह ,,, वहीं दिखाते सहीं राह ,,की सुक्ति वाक्य पर चलने वाले ऐसे वितरागी पुरुष न केवल दुर्लभ है व इनके सत्संग प्रवचन भी दुर्लभ है। ऐसे कोटि-कोटि प्रणाम संतो को सुनना आत्म विभोर हो जाना है।

इस अवसर पर दुर्लभ सत्संग वाले स्वामी विजयानंद गिरी, गोवर्धन फाउंडेशन अयोध्या धाम के बृजमोहन ‌उपाध्याय जी शिवाजी सिह, एस आर लोधी, विजय पांडे,इसल लोधी सुखचैन चंद्रवंशी, मुनीराम चंद्रवंशी, हिमांशु राजपूत,राम कुबेर जी, विहिप के ओमप्रकाश अग्निहोत्री, नंदू साहू,साहित्य कार कुबेर साहू ,गिरीश ठक्कर “स्वर्गीय”योग वेदांत सेवा के संजय साहू, आनन्द श्रीवास्तव आदि उसहित बड़ी संख्या में दुर्लभ सत्संग सुनने वाले धर्म प्रेमी जन उपस्थित थे। उक्ताशय की जानकारी गोवर्धन फाउंडेशन के बृजमोहन ‌उपाध्याय जी ने दी है। मो० बा० 9977224488