राजनांदगांव। सीमेंट व्यवसायी हर्ष चितलांग्या द्वारा दायर चेक बाऊंस के मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने व्यवसायी सुबोध राजन उर्फ वीरभद्र शाह के पक्ष में फैसला सुनाया है। आरोप है कि परिवादी हर्ष चितलांग्या ने विश्वासघात करते हुए शाह की छवि खराब करने का कुत्सित प्रयास किया और उनके खिलाफ उधार की रकम न चुकाने और चेक बाऊंस होने का मामला दायर किया जिस पर यह फैसला आया है।
बसंतपुर निवासी हर्ष चितलांग्या का दावा था कि उन्होंने सुबोध राजन को चार लाख रुपए का उधार दिया था। रकम वापसी की मांग पर उन्हें चेक दिए गए थे जो कि बाऊंस हो गए। इस आधार पर ही प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत हुआ। सुबोध राजन ने इस मामले को चुनौती दी और किसी तरह के उधार या देनदारी से साफ इंकार किया।
व्यवसायी हर्ष चितलांग्या द्वारा सुबोध राजन के विरुद्ध चेक बाऊंस का झूठा प्रकरण न्यायालय में पेश कर उनकी छवि धूमिल की गई। इससे सुबोध राजन के व्यवसाय एवं समाज में उनकी छवि पर विपरित असर पड़ा। अतः उनके मान-सम्मान एवं धन की हानि हुई। सुबोध राजन द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए उन प्रकरणों में उचित बचाव किया एवं न्यायालय को सही जानकारी देते हुए वास्तविक तथ्यों से अवगत कराया गया। न्यायालय ने सभी तथ्यों को परखते हुए सुबोध राजन को निर्दोष साबित करते हुए फैसला सुनाया।