ग्राम पटेल की मनमानी के चलते मेन चौक की जमीन पर अवैध रूप से बेजा कब्जा कर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने की शिकायत एसडीएम से की गई

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राजनांदगांव। डोंगरगढ़ विकासखंड के रुर्बन ग्राम मुरमुंदा में ग्राम पटेल शेखू दास साहू के द्वारा ग्राम के मेन चौक में स्थित लाखों रुपये की शासकीय जमीन में अवैध रूप से व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। अवैध निर्माण को लेकर पटेल द्वारा धोंस जमाया जा रहा है कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है इसलिए उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
शासन द्वारा ग्राम पटेल की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मानदेय प्राप्त करने वाले ग्राम पटेल शेखू दास स्वयं ही अतिक्रमण कर राजनीतिक पहुंच का हवाला दे रहे है। बता दे कि मुरमुंदा के मेन चौक में शेखू दास की कुछ निजी जमीन है, जिसकी आड़ में वे अपनी जमीन से लगी शासकीय भूमि में भी अवैध कब्जा करते हुए व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण करा रहे है। इससे वे शासकीय जमीन में निजी निर्माण कर व्यवसायिक लाभ लेंगे, जबकि वे स्वयं ग्राम पटेल के रूप में शासन के प्रतिनिधि है और हर महीनें मानदेय भी ले रहे है। गांव में किसी भी विवाद को सुलझाने, गांव के विकास में निर्णय लेने तथा जमीन संबंधित मामलों में पटेलों की भूमिका अहम होती है, परन्तु यहां तो पटेल ही अतिक्रमण कर शासन को लाखों रुपये का चूना लगानें में लगें हुए है।
नवीन अग्रवाल ने बताया मुरमुंदा के ग्राम पटेल शेखू दास साहू के द्वारा मेन चौक में अपनी जमीन से लगी हुई सरकारी जमीन पर अवैध रूप से व्यवसायिक कांप्लेक्स का निर्माण करने की शिकायत मुझे प्राप्त हुई कि मुरमुंदा मेन चौक की जमीन का मार्केट रेट प्रति डिसमिल ढाई लाख रुपये है और शासन को आठ से दस लाख रुपये की चपत लगाई जा रही है। शासन द्वारा नियुक्त जिम्मेदार पद पर बैठे पटेल शेखू दास साहू द्वारा यह कृत्य किया जा रहा है। एक तरफ भूपेश सरकार अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने वालों पर कार्यवाही करने की बात करती है और दूसरी ओर उनके नाम से धौंस देकर उनके नुमाइंदे सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। ग्राम पटेल शेखू दास साहू के द्वारा कहा जाता है कि मुझे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, इसलिए मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

नाली निर्माण के दौरान मुआवजा भी सरकार से ले लिया
ग्राम पटेल ने इसके पहलें भी शासन को गुमराह करके सरकारी पैसों का लाभ लिया है। सड़क निर्माण के बाद जब नाली निर्माण हुआ तब सड़क किनारे रहनें वाले लोगों की जमीन प्रभावित हुई। शासन ने उन्हें प्रभावित जमीन के आधार पर मुआवजा भी दिया। तब भी ग्राम पटेल ने अपनी निजी जमीन के दस्तावेज लगाकर अवैध रूप से सरकारी जमीन को अपना बता कर सरकार से मुआवजा ले लिया है। जबकि नाली का निर्माण सरकारी जमीन में हुआ है। इस तरह से नाली निर्माण की आड़ में लाखों रुपये का लाभ पहलें भी पटेल द्वारा ले लिया गया है।

शिकायत करने की तैयारी, होगा शेखू साहू की जमीन का सीमांकन
नवीन अग्रवाल के द्वारा बताया गया की ग्राम पटेल के पद पर रहते हुवे शेखू दास साहू द्वारा किए जा रहे सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत एसडीएम कलेक्टर कमिश्नर राजस्व मंत्री व मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से शिकायत पत्र के माध्यम से की जाएगी। जब मामले की जानकारी के लिए ग्राम मुरमुन्दा पहुंचा गया और गांव वालों से बात की गई, जिसमें गांव के ग्रामीणों ने भी मामले की मौखिक शिकायत मीडिया में की है और अब लिखित रूप से शिकायत करने की बात गांव के लोगों द्वारा की जा रही है। शासकीय जमीन पर बेजा कब्जा करने को लेकर तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर, कमिश्नर व मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव से शिकायत किया जाएगा। क्योंकि शासन द्वारा (शेखू साहू) पटेल को शासकीय मानदेय भी दिया जा रहा है और शासकीय जमीन पर व्यवसायिक लाभ लेने के लिए कब्जा उनके ही द्वारा किया जा रहा है। जल्द ही मामले में शिकायत के बाद जमीन का सीमांकन भी किया जाएगा। अब आगे यह देखना है कि शासन प्रशासन द्वारा गरीब निर्धन लाचार लोगों का ही बेजा कब्जा हटाया जाता है या फिर सरकार के द्वारा सरकारी पद पर बैठाए गए कर्मचारियों के द्वारा किए गए बेजा कब्जा को हटाने के लिए तोड़ फोड़ की कार्रवाई होगी कि नहीं साथ ही अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर सरकार को लाखों का चूना लगाने वाले ग्राम पटेल को उसके पद से कार्य मुक्त कराने की शासन प्रशासन से गुजारिश की जाएगी।