निगम आयुक्त के घर जाकर भाजपा पार्षद का बर्ताव संस्कारधानी नगरी की गरिमा को गिराया- ओस्तवाल

104

निगम आयुक्त के घर जाकर भाजपा पार्षद का बर्ताव संस्कारधानी नगरी की गरिमा को गिराया- ओस्तवाल

राजनांदगांव- राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र की जन- जन की आवाज एवं पूर्व पार्षद हेंमत ओस्तवाल ने एक पत्र के माध्यम् से जिले के कलेक्टर से यह माँग की है।

जहाँ एक ओर आर्दश आचार संहिता लागू हो चुकी है और जिस तरह से भाजपा के एक पार्षद के द्वारा छुट्टी के दिन निगम आयुक्त के घर अपने वार्ड की जन हित की समस्यों आदि को लेकर समाचार पत्र में जो समाचार १५ अक्टूबर को जो प्रकाशित हुआ है उसमें फोन नहीं उठाने के चलते भाजपा पार्षद श्री गगन आइच के द्वारा निगम आयुक्त के निवास जाकर जो बात-चीत के दौरान हाथा-पाई के नौबत आ गई का जो समाचार प्रकाशित हुआ है।

वह राजनांदगांव संस्कारधानी नगरी की गरिमा को जो नीचे स्तर तक भाजपाईयों के द्वारा गिराया गया वहाँ एक जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता। क्योंकि जनप्रतिनिधि को अपने कर्तव्य दायित्व का निर्वहन करने के लिए कानून में अनेकों अधिकार दिये गये है, जबकि विपक्ष में भाजपा के नेता निगम में काबिज है उसके बाद ऐसी कौन-सी परिस्थिति भाजपा के पार्षद गगन आइच के सामने निमित हुई,जबकि निगम में कांग्रेस पार्टी की महापौर श्रीमती हेमा देशमुख को सत्ता में काबिज हुऐ लगभग ४ वर्ष पूर्ण हो चूके है,और विपक्ष के भाजपा के पूर्व महापौर एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष श्री मधुसूदन यादव एवं वर्तमान महापौर श्रीमती हेमा देशमुख की नुराकुस्ती को राजनांदगांव शहर की जनता भली-भाति समाचार पत्रों आदि के माध्यम से एवं परिचित है?

जिसका ताजा उदाहरण १६करोड़ रूपयों के लागत का बुढ़ासागर सांैदर्यीकरण का भष्ट्राचार एवं सामान्य सभा दिनांक २५.०८.२०२२ की सामान्य सभा में सर्व सम्मिति से दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करवाने का आदेश निगम आयुक्त को दिया गया था लेकिन आज लगभ १४ माह व्यतित हो चुके है, लेकिन एफ.आई.आर दर्ज नहीं करवाई गयी है

एवं २१० करोड़ रूपयों की लागत का अमृत मिशन योजना में गंभीर भष्टाचार एवं लगभग ७ करोड रूपयों की सडक़ निर्माण की राशि निगम को प्राप्त हुये लगभग १२ माह हो रहे है? और निगम में विपक्ष के भाजपा के नेता प्रतिपक्ष और उनके पार्टी के पूर्व महापौर मधुसूदन यादव एवं पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं विधायक डॉ.रमन सिंह जी को यदि शहर की जनता की चिंता यदि होती तो लगभग ५ वर्ष की विपक्ष की भूमिका जो जमीन से जुड़ी यदि होती तो शहर का विकास होता ? लेकिन विपक्ष के एक भी मामले में ठोस कार्यावाही भष्ट्र लोगों के खिलाफ नहीं हुई और बुढ़ासागर के भष्ट्राचार में संलिप्त निलंबित अधिकारी श्री कामना यादव को जिस तरह से बाहली किया गया और पूर्व महौपार श्री मधुसूदन यादव इस मामले में उनका एक भी बयान या शिकायत पत्र जनहित एवं शासनहित में नहीं लिखा गया? श्री ओस्तवाल ने कहा कि, मेरे द्वारा गत दिनों कामना यादव की बाहली को लेकर एक शिकायत पत्र मुख्यमंत्री, निगम आयुक्त , महापौर, संचालक, प्रदेश कांग्रेस अधक्ष आदि को इसकी शिकायत की थी।

इसलिए ऐसा लगता है कि, बुढ़सागर के मामले को दबाने के लिए निगम के पूर्व महापौर श्री मधुसूदन यादव एवं वर्तमान महापौर श्रीमती हेमा देशमुख के द्वारा कोई राजनैतिक चाल चली गई है? क्योंकि भाजपा पार्षद के पक्ष में बसंतपुर थाने जब निगम आयुक्त के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह जी के सुपुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह जी भाजपा के जिला-अध्यक्ष रमेश पटेल जी आदि भाजपा नेता बसंतपुर थाना प्रभारी के पास गये लेकिन पूर्व महापौर मधुसूदन यादव की अपने कर्मठ भाजपा कार्यकर्ता के पक्ष मेें क्यों नहीं गये?

यहाँ एक चिंतनीय विषय शहर की जनता एवं राजनैतिक दल के नेताओं के लिए है एवं श्री ओस्तवाल ने जिले के कलेक्टर / जिलादण्डाधिकारी अपने अधिनस्त निगम आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता के हित के लिए ठोस कानूनी कार्यवाही का निर्णय लेने की माँग एवं सम्पूर्ण मामले की जाँच करवाई जायें। हेंमत ओस्तवाल