राजनांदगांव। जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष मदन साहू ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नए समर्थन मूल्य को विकास में पिछड़ते आंकड़े करार दिया है। उन्होंने कहा कि-10 वर्ष में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने समर्थन मूल्य में 134 प्रतिशत वृद्धि की थी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 9 वर्षों में 55 प्रतिशत ही वृद्धि दे सकी है।
उन्होंने कहा कि-कांग्रेस नए समर्थन मूल्य में कम बढ़ोत्तरी का विरोध कर रही है। कृषि नीति में अब तक कोई सुधार मोदी सरकार के कार्यकाल में देखने को नहीं मिली है। अलबत्ता किसान विरोध तीन नए कृषि कानूनों ने देश के किसानों को सड़क पर उतरने मजबूर कर दिया था। ये कानून तो वापस ले लिए गए, लेकिन किए गए वायदे कभी पूरे नहीं हुए।
श्री साहू ने कहा कि-डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2004-05 से 2013-14 के दौरान 9 वर्षों में धान का एमएसपी 560 रुपए से बढ़ाकर 1310 रुपए प्रति मि्ंटल कर दिया गया था। यह वृद्धि लगभग 134 प्रतिशत होती है। जबकि केंद्र की भाजपा सरकार ने 2014-15 से 2022-23 तक 9 वर्षों में धान के समर्थन मूल्य में सिर्फ 730 रुपए की वृद्धि कर इसे 2040 रुपए प्रति मि्ंटल पहुंचाया, जो केवल 55 प्रतिशत वृद्धि है।
जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि- भाजपा की केंद्र सरकार की बात हो या छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक रही राज्य सरकार की। दोनों ही स्थितियों में किसानों को भारी उपेक्षा झेलनी पड़ी है। देश के अन्नदाता को नजर अंदाज किया जाता रहा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार में तो आए दिन किसानों की आत्महत्या की खबर सुर्खियां बनती रहीं।
श्री साहू ने कहा कि-कांग्रेस किसानों की असल हितैषी है। देश में कृषि सुधारों और किसानों को उनके वास्तविक अधिकारों के लिए कांग्रेस सरकार ने ही कानून लाए और सुधारों पर काम किया। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने न्याय योजना के माध्यम से किसानों को सशक्त किया है। इसके अलावा अगले वर्ष से 28 सौ की कीमत और प्रति एकड़ 20 मि्ंटल की धान खरीदी की घोषणा सीएम पहले ही कर चुके हैं। देश में छत्तीसगढ़ का किसान आज सबसे ज्यादा खुशहाल है।