*सर्व समाज में आक्रोश, अमित बघेल के विवादित बयान पर कार्रवाई की मांग**छत्तीसगढ़ बंद की चेतावनी*

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में हाल ही में दिए गए अमित बघेल के विवादित बयान से समाजों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। अग्रवाल समाज के भगवान श्री अग्रसेनजी महाराज और सिंधी समाज के पूज्य भगवान झूलेलालजी के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद दोनों समाजों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।*ज्ञापन के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई*

प्रदेश के कई शहरों में अग्रवाल एवं सिंधी समाज ने शांतिपूर्वक ज्ञापन देकर आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, किंतु प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने से नाराज़गी और बढ़ गई है। इसी क्रम में 11 नवंबर, मंगलवार को राजनांदगांव स्थित अग्रसेन भवन में सर्व समाज की बैठक आयोजित की गई।*कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रभक्ति के गीतों से*
बैठक का शुभारंभ प्रज्ञा गुप्ता द्वारा प्रस्तुत “वंदे मातरम्” गीत एवं छत्तीसगढ़ राज्य गीत “अरपा पैरी की धार” के सामूहिक गायन से हुआ। राष्ट्रगीत की स्वर लहरियों ने पूरे सभागार में एकता और सम्मान का वातावरण बना दिया।*तीस समाजों के प्रतिनिधि हुए एकजुट* इस बैठक में लगभग 30 समाजों के करीब 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में अग्रवाल समाज, सिंधी समाज, महेश्वरी पंचायत, खंडेलवाल समाज, मारवाड़ी समाज, ब्राह्मण समाज, शांत क्रांति जैन संघ, लोहाणा समाज, गुप्ता समाज, पाटीदार गुजराती समाज, जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ, तेरापंथ सभा, आदिवासी समाज, अग्रहरि समाज, राजपूत समाज सहित अन्य समुदायों के प्रतिनिधि मौजूद थे।*“ईष्ट देव का अपमान असहनीय” सर्व समाज का मत*
बैठक में विभिन्न समाजों के लगभग 30 प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए और अमित बघेल के बयान की निंदा करते हुए सर्वसम्मति से कड़ी कार्रवाई की मांग की। सभी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि अमित बघेल द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। किसी को भी दूसरे समाज के पूज्यनीय देव या भगवान का अपमान करने का अधिकार नहीं है। सभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर अमित बघेल को गिरफ्तार करे, अन्यथा आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।*आगामी रणनीति छत्तीसगढ़ बंद और सड़क पर विरोध प्रदर्शन*
सर्व समाज ने निर्णय लिया है कि जब तक अमित बघेल पर कठोर कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। समाज के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र गिरफ्तारी नहीं होती तो छत्तीसगढ़ बंद और सड़क पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।सर्व समाज ने यह भी कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन समाज की आस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह घटना समाज में परस्पर सम्मान, सहिष्णुता और संयम की आवश्यकता पर बल देती है। किसी भी धर्म या समाज के पूज्य प्रतीकों पर टिप्पणी न केवल आस्था को ठेस पहुँचाती है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी कमजोर करती है।
बैठक का संचालन अग्रवाल सभा अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने किया, जबकि संतोष अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। सभा का वातावरण संयमित रहा, किंतु प्रतिनिधियों के तेवर स्पष्ट रूप से आक्रोशपूर्ण थे। सर्व समाज की इस बैठक को सफल बनाने में अग्रवाल सभा के सचिव आलोक बिंदल, कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल तथा सिंधी समाज के रूपचंद भीमनानी, अमर ललवानी की प्रमुख भूमिका रही। सभी ने संगठनात्मक समन्वय और समाजों के बीच एकजुटता स्थापित करने में सक्रिय योगदान दिया










