राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की सचिव एवं शहर कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी सदस्य अधिवक्ता कुसुम दुबे ने नए संसद भवन का लोकार्पण महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी के हाथों ना कराने को प्रधानमंत्री एवं भाजपा की श्रेय की राजनीति करार देते हुए कही कि यह कार्य आदिवासी वर्ग समुदाय का अपमान और संसदीय मर्यादा के विपरीत है।
सचिव श्रीमती दुबे ने आगे कही कि संसद का सत्र महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण से ही प्रारंभ होता है, ऐसी स्थिति में नए संसद भवन का कार्य प्रारंभ एवं लोकार्पण महामहिम राष्ट्रपति से ही होना चाहिए जो जिसे ना कराया जाना कदापि उचित नहीं है। भाजपा जब राष्ट्रपति के रूप में माननीय द्रोपदी मुर्मू जी के नाम पर मुहर लगाई थी और अपनी योग्यता दक्षता कार्यकुशलता के चलते द्रोपति मुर्मू जी राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुई उसके बाद भी भाजपा राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद को अपनी राजनीतिक अखाड़े का केंद्र बिंदु बनाए थे और बार-बार द्रौपदी मुर्मु जी की योग्यता दक्षता कर्मठता को दबाते हुए उनके अनुसूचित जनजाति वर्ग समुदाय का सम्मान भाजपा ने दिया कह कर प्रचारित करते रहे और अब जब सही में महामहिम राष्ट्रपति के सम्मान की बात आ रही है तो प्रधानमंत्री श्रेय की राजनीति के लिए नए संसद भवन का लोकार्पण करने स्वयं कर रहे हैं इससे यह साबित होता है कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है और महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू जी के कर कमलों नए संसद भवन का लोकार्पण ना कराया जाना कराया जाना संसदीय मर्यादा के विपरीत भी है।
