रायपुर। प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से जुड़े करीब 16,000 कर्मचारियों की नजरें अब राज्य सरकार की आगामी कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं। बीते दिनों एक माह से अधिक समय तक चले आंदोलन के बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर आश्वासन मिलने पर आंदोलन को स्थगित कर पुनः कार्यभार संभाल लिया है।
बरसात के मौसम में गांवों से लेकर शहरों तक स्वास्थ्य सेवाओं में अब तेजी से सुधार देखा जा रहा है। कर्मचारियों की वापसी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को राहत मिली है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी और प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने बताया कि सरकार से मिले आश्वासन के अनुरूप 10 अक्टूबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय की पूरी उम्मीद है। खासकर, आंदोलन के दौरान बर्खास्त किए गए 25 कर्मचारियों की बहाली पर निर्णय आने की संभावना जताई जा रही है।
ये हैं प्रमुख मांगें, जिन पर है फैसला अपेक्षित:
लंबित 27% वेतन वृद्धि में से स्वीकृत 5% की वृद्धि का आदेश 1 जुलाई 2023 से लागू किया जाए।
कर्मचारियों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन (सी.आर.) में पारदर्शिता लाई जाए।
विश्वसनीय एजेंसी के माध्यम से 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो।
30 दिन के संवैतनिक चिकित्सा अवकाश में सुधार किया जाए।
हड़ताल अवधि को शून्य मानते हुए उस अवधि का वेतन दिया जाए।
बर्खास्त 25 कर्मचारियों की जल्द बहाली हो।
स्थानांतरण नीति, ग्रेड-पे निर्धारण और अनुकंपा नियुक्ति के लिए समिति गठित की जाए।
नियमितीकरण और संविलियन के लिए केंद्र सरकार से मार्गदर्शन प्राप्त कर प्रक्रिया शुरू की जाए।
सभी मंत्रियों से किया निवेदन
संघ की ओर से बताया गया कि कैबिनेट बैठक से पहले सभी मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर कर्मचारियों की मांगों पर समर्थन मांगा गया है। एनएचएम कर्मचारी दीपावली से पहले अपने भविष्य को लेकर स्पष्टता और राहत की उम्मीद कर रहे हैं।