अवतरण दिवस पर गूंजे जयकारे, 21000 लड्डूओं से हुआ जनसेवा का महा उत्सव

11

राजनांदगांव। शरद पूर्णिमा का पावन दिन… और अवसर था अहिंसा के दूत, समाधि सम्राट, दिगंबर जैन आचार्य 108 श्री विद्यासागर महाराज एवं नव आचार्य 108 श्री समयसागर महाराज के अवतरण दिवस का। पूरे शहर में इस पावन दिन को जैन समाज ने हर्षोल्लास, भक्ति और सेवा के भाव से मनाया।
सवेरे 7.30 बजे से ही कार्यक्रमों की श्रृंखला आरंभ हो गई। आचार्यश्री की विशेष पूजा के साथ आचार्य छत्तीसी विधान का आयोजन हुआ, जो कि परम पूज्य 105 सुशांत मति माताजी एवं 105 तथामति माताजी के सान्निध्य में मंत्रोच्चार एवं श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।
इस मौके पर जैन समाज के अध्यक्ष अशोक झंझरी सहित समाज के गणमान्य श्रेष्ठी जनों ने आदिनाथ भगवान का अभिषेक एवं सौधर्म इंद्र बनकर पूजन किया। वहीं, माताजी के बुखार बिंद से भगवान की शांति धारा समस्त जीवों के कल्याण हेतु की गई।
अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में दोपहर 2 बजे से शहर के प्रसिद्ध अहिंसा प्रवेश द्वार (गंज लाइन) के सामने विशेष आयोजन किया गया, जहां दिगंबर जैन समाज एवं चातुर्मास समिति द्वारा 21000 लड्डुओं का वितरण किया गया।
गुरुभक्तों, मोहल्ले के वरिष्ठजनों और जैन समाज के सदस्यों ने इस सेवा कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लिया। शहर के कई गणमान्य नागरिक एवं अहिंसा प्रेमी बंधु भी उपस्थित रहे और वितरण का पुण्य लाभ लिया।
इसी क्रम में जैन आदर्श महिला मंडल द्वारा मूकबधिर बच्चों को मिठाई व अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण कर करुणा और दया का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
संध्या 7 बजे दिगंबर जैन मंदिर परिसर में संगीतमय महाआरती का आयोजन किया गया। भक्ति रस में डूबी इस आरती में समाज के सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए और जयकारों से माहौल को गुंजायमान कर दिया।
इस भव्य आयोजन में प्रमुख रूप से समाज के वरिष्ठजनों एवं सेवाभावी कार्यकर्ताओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिनमें डीसी जैन, अखिलेश जैन, पार्षद रानू जैन, रविकांत जैन, पंकज जैन, रिंकू झंझरी, निखिल द्विवेदी, राधावल्लभ राठी, शरद जैन, अनिल जैन, ललित जैन, रचित जैन, राजेश जैन खन्ना, सुधीर मीनू, रवि जैन, धर्मेश जैन, मनोज जैन, शिरीष जैन, आलोक जैन लल्ली, कमलेश जैन, सीमा जैन, प्रियंका जैन, राजीव जैन, मुकेश जैन, नरेश नाहटा, अंशुल जैन, जितेन्द्र जैन, वंदना जैन, मीना जैन, दर्शना जैन, कल्पना जैन, सुषमा जैन, अनीता जैन, माया जैन, श्रद्धा जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
जैन समाज द्वारा मनाया गया यह अवतरण महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि संघबद्धता, सेवा भाव और आध्यात्मिक एकता का सशक्त उदाहरण बना। श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया और जनकल्याण के संकल्पों के साथ यह दिन स्मरणीय बन गया।