राजनांदगांव। देशभर के शिक्षकों की एकजुट आवाज अब और बुलंद होने जा रही है। टेट परीक्षा की अनिवार्यता के विरोध में देश के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने राजधानी दिल्ली में आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में सर्वसम्मति से ऑल इंडिया टीचर फेडरेशन के गठन का निर्णय लिया गया। संगठन का उद्देश्य स्पष्ट है-वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को टेट परीक्षा से मुक्त कराना।
दिल्ली स्थित कॉन्सि्टट्यूशन भवन में 5 अक्टूबर को आयोजित इस बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से शिक्षक प्रतिनिधि शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 को जारी उस आदेश के विरोध में यह रणनीति बनाई गई, जिसमें कार्यरत शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य किया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस आदेश को न्यायालय में चुनौती दी जाएगी, साथ ही नवंबर माह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ से भी प्रमुख शिक्षक संगठन इस बैठक में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष कुमार मिश्रा, सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के महासचिव एवं सर्व शिक्षक एलबी कल्याण समिति के सचिव शेषनाथ पाण्डेय, और समिति के प्रदेश संचालक रविंद्र राठौर ने इस बैठक में भाग लिया। इन सभी ने ऑल इंडिया टीचर फेडरेशन के साथ मिलकर देशव्यापी आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की।
बैठक में उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए और सामूहिक रूप से टेट अनिवार्यता के खिलाफ एक मजबूत रणनीति पर चर्चा की गई।
इस संबंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि अब यह लड़ाई सिर्फ एक राज्य की नहीं, बल्कि देशभर के शिक्षकों की है। टेट की अनिवार्यता शिक्षकों के साथ अन्याय है और इसे हर स्तर पर चुनौती दी जाएगी।