राजनांदगांव। विश्व हिंदू परिषद की मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी ने मंगलवार को शहर के 22 स्थानों में शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर बहनों और बालिकाओं ने मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की आराधना करते हुए आत्मरक्षा के लिए शस्त्र उठाने का संकल्प लिया।
विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में विभाग मंत्री अनूप श्रीवास और जिला मंत्री त्रिगुण सादानी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चियों को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र चलाना आना चाहिए। दुर्गा वाहिनी इसी दिशा में कार्य कर रही है, ताकि हमारी बहन-बेटियां आत्मनिर्भर और आत्मरक्षक बन सकें।
उन्होंने बताया कि दुर्गा वाहिनी की स्थापना अश्विनी शुक्ल पक्ष अष्टमी, विक्रम संवत 2041 में हुई थी। यह संगठन युवतियों के सर्वांगीण विकास और हिंदू समाज को सशक्त बनाने के लिए कार्यरत है। 7 मई 1994 को दिल्ली में हुए अखिल भारतीय महिला सम्मेलन में पूज्य साध्वी ऋतंभरा को दुर्गा वाहिनी की संयोजिका और डॉ. निर्मल पुरोहित को सह.संयोजिका बनाया गया था।
महावीर चौक स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में हुए आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारी केंद्र की सह संचालिका बीके प्रभा दीदी और अध्यक्षता दुर्गा वाहिनी की पूर्व प्रांतीय संयोजिका पूर्णिमा साहू ने की।
बीके प्रभा दीदी ने कहा कि हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता ने धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाए हैं। मां दुर्गा की प्रत्येक भुजा में अस्त्र-शस्त्र हैं। ऐसे में आज की नारी को भी अपनी और समाज की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
शस्त्र पूजन के बाद कन्या भोज का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने अपने घरों से खीर, पूरी और हलवा जैसी मिठाइयां बनाकर कन्याओं को भोजन कराया। साथ ही उन्हें श्रृंगार सामग्री भी भेंट की गई।
इस आयोजन में मातृ शक्ति जिला संयोजिका अंजलि वाडेकर, सह संयोजिका बबीता मिश्रा, दुर्गा वाहिनी की जिला संयोजिका हेमा साहू, दुर्गा चौरे, मोना गोसाई, संगीता शुक्ला, कांति मौर्य, जमुना देवी साहू, उषा क्षत्रिय, संध्या शर्मा, ज्योति खंडेलवाल, सरिता साहू, विद्या यादव, जानकी यादव, रीना दीदी, पेमेंट चंद्राकर, कंचन स्कोर, लक्ष्मी शर्मा और मंजूषा दीदी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और बालिकाएं शामिल हुईं।
इस आयोजन को महिलाओं की आत्मरक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।