राहुल गांधी को खुलेआम जान से मारने की धमकी, नहीं सहेगा हिन्दूस्तान : कुलबीर

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राजनांदगांव। भाजपा प्रवक्ता प्रिटू महादेव द्वारा केरल के एक न्यूज चैनल पर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भयावह और जघन्य मौत की धमकी देते हुए खुलेआम घोषणा की है कि राहुल गांधी के सीने पर गोली मारी जाएगी, जिसको लेकर शहर जिला कांग्रेस व ग्रामीण कांग्रेस कमेटी द्वारा मंगलवार 30 सितंबर को कोतवाली थाने में नामजर्द शिकायत कर एफआईआर दर्ज करने व कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने बताया कि लोकसभा के विपक्ष के नेता और भारत के अग्रणी राजनेता राहुल गांधी पर एक टेलीविजन में बहस के दौरान सोची-समझी और खौफनाक तरीके से प्रिंटू महादेव मौत द्वारा धमकी दे रहे हैं कि राहुल गांधी के सीने पर गोली मारी जाएगी, जो कि पूर्णता गलत है। सत्तारूढ़ दल के एक आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा कहे गए ऐसे जहरीले शब्द न केवल राहुल गांधी के जीवन को खतरे में डालते हैं, बल्कि संविधान, कानून के शासन और हर नागरिक को मिलने वाले बुनियादी सुरक्षा आश्वासन को भी कमजोर करते हैं। यह एक तरह से हिंसा भड़काने के एक बेशर्म कृत्य है। इससे पहले राहुल गांधी की सुरक्षा का दायित्व संभाल रहे केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने उनकी सुरक्षा को खतरे के बारे में बार-बार कई पत्र लिखे हैं।
हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा गया ऐसा ही एक पत्र रहस्यमय परिस्थितियों में मीडिया में लीक हो गया, जिससे ऐसा करने के पीछे की मंशा पर गंभीर सवाल उठते है। इस पृष्ठभूमि में यह केवल चिंताजनक है, बल्कि बेहद निंदनीय भी है कि भाजपा के एक प्रवक्ता ने इतनी हिम्मत दिखाई कि उन्होंने खुलेआम जान से मारने की धमकी दे दी, जिससे राहुल गांधी के खिलाफ हिंसा को जायज ठहराने के लिए रची जा रही एक बड़ी भयावह साजिश की बू आती है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी से जुड़े या समर्थित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए राहुल गांधी को जान से मारने की धमकियां और हिंसा के आव्हान के कई मामले सामने आए हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार स्पष्ट करें कि उनका क्या रूख है, क्या खुले तौर पर आपराधिक धमकी, जान से मारने की धमकियां और हिंसा की राजनीति का समर्थन करते है, जो भारत के सार्वजनिक जीवन में जहर घोल रही है।
श्री छाबड़ा ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी और लाखों भारतीय जो राहुल गांधी को अपने अधिकारों के रक्षक के रूप में देखते हैं, उनकी जान को आसन्न खतरे को लेकर बेहद चिंतित है। राहुल गांधी भारत के बहुलवादी मूल्यों के प्रति सेवा और दृढ़ प्रतिबद्धता की जीवंत प्रतिमूर्ति है। वे उस परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं जिसने इस राष्ट्र के लिए अपार बलिदान दिया है। इंदिरा गांधी से लेकर जिनकी 1984 में राष्ट्रीय एकता की रक्षा करते हुए हत्या कर दी गई थी और राजीव गांधी तक, जो 1991 में शांति और आधुनिकीकरण के प्रयासों के दौरान शहीद हो गए थे। राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, यह उस लोकतांत्रिक भावना पर हमला है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते है। यह धमकी किसी छोटे से पदाधिकारी का लापरवाही भरा प्रकोप मात्र नहीं है, यह जान-बूझकर फैलाए गए नफरत के जहरीले माहौल का प्रतीक है, जो विपक्ष के नेता को बिना सोचे.समझे हिंसा का शिकार बना देता है। ऐसे में केन्द्र की भाजपा सरकार की ओर से त्वरित, निर्णायक और सार्वजनिक रूप से कार्रवाई करने में किसी भी तरह की विफलता को विपक्ष के नेता के खिलाफ हिंसा को वैध और सामान्य बनाने के लिए मिलीभगत है।
कांग्रेस पार्टी पुलिस को सौंपे ज्ञापन मे तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग करता है ताकि न्याय शीघ्र, स्पष्ट और कठोर हो। सांसद व एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के द्वारा आधार बिन्दुओं को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र सौंपकर उचित कार्यवाही की मांग की है।
ज्ञापन के दौरान प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री धनेश पाटिला, जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू, वरिष्ठ कांग्रेसी कुतबुद्दीन सोलंकी, रमेश डाकलिया, रूपेश दुबे, डा. आफताब आलम, मेहुल मारू, पूर्व अध्यक्ष दिनेश शर्मा, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष विकास त्रिपाठी, मोहम्मद यहया, महामंत्री झम्मन देवांगन, फिरोज अंसारी, शरद खंडेलवाल, मोहिनी सिन्हा, उत्तर ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ अलीए दक्षिण ब्लॉक अध्यक्ष सूर्यकांत जैन, सुरेन्द्र देवांगन, संदीप जायसवाल, विशु अजमानी, मधुबाला श्रीवास्तव, संदीप सोनी, हर्ष खोब्रागढ़े, गोपी रजक, मनीष सिमनकर, मामराज अग्रवाल, तौसिफ गोरी, सुरेन्द्र गजभिए, सागर ताम्रकार, राहुल देवांगन, बबलू कसार, शौर्य वैष्णव, रूपेश साहू, अंशल श्रीवास, रौशन परिहार सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।