स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल : जिला मुख्यालय से ब्लॉक स्तर तक बदहाल हालात, सीएमओ को हटाने की मांग तेज

4

राजनांदगांव। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमराई हुई हैं। उप स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तक मरीजों को न तो समुचित इलाज मिल रहा है और न ही डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित है। आलम यह है कि छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी आमजन को भटकना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय से मेडिकल कॉलेज और वहां से रायपुर रेफर किए जाने का सिलसिला आम हो गया है।

स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर नदारद, मरीज बेहाल
राजनांदगांव जिले के ग्रामीण अंचलों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित रूप से डॉक्टरों की अनुपस्थिति देखी जा रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, जिला अस्पताल में भी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भारी कमी है। मेडिकल कॉलेज में न तो पर्याप्त संख्या में विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं और न ही आधुनिक मेडिकल उपकरणों की व्यवस्था है।

निजी अस्पतालों में भी लापरवाही, कार्रवाई शून्य
मेडिकल कॉलेज सहित कई निजी अस्पतालों में भी इलाज में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई असर नहीं दिख रहा। उल्टे, सवाल उठाने वालों पर ही आरोप मढ़े जा रहे हैं।

कमल सोनी ने सीएमओ को हटाने की उठाई मांग
छत्तीसगढ़ शिवसेना के प्रदेश सचिव कमल सोनी ने स्वास्थ्य विभाग की खस्ताहाल व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिले की आम जनता इलाज के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व्यवस्था सुधारने के बजाय बेतुकी बयानबाजी में लगे हुए हैं।

जनता के बीच बढ़ रहा आक्रोश
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से जनता के बीच नाराजगी साफ तौर पर देखने को मिल रही है। कई बार अव्यवस्था को लेकर शिकायतें भी की गईं, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कार्रवाई के बजाय मामले को दबाने का प्रयास किया। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही है, जिससे आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है।