सोसाइटी कर्मचारियों की मांगों पर सरकार नरमी दिखाए : जाकेश साहू

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राजनांदगांव। सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधक और कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। कर्मचारी लगातार आंदोलन पर डटे हैं, वहीं सरकार ने बातचीत की बजाय सख्त रुख अपनाते हुए कई कर्मचारियों पर एस्मा, बर्खास्तगी और एफआईआर की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस पूरे मामले पर छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा कि हड़ताली कर्मचारियों से संवेदनशीलता के साथ संवाद कर समस्याओं का समाधान निकाला जाए। उन्होंने कहा कि अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण हड़ताल करना कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है। ऐसे में बर्खास्तगी और एफआईआर जैसे कदम उचित नहीं हैं।
साहू ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आग्रह किया कि समिति कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार कर उचित निर्णय लिया जाए।
मोर्चा ने धान खरीदी से जुड़े सुखत मुद्दे को भी प्रमुख समस्या बताया। कर्मचारियों का कहना है कि किसान अधिक नमी वाला धान लाते हैं, जिसे लंबे समय तक सोसाइटी में रखना पड़ता है। महीनों बाद जब सरकार धान उठाती है तो वजन में कमी आ जाती है। इस नुकसान की भरपाई प्रबंधकों से कराई जाती है, जिसके चलते कई प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है और कई कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं।
मोर्चा का कहना है कि सरकार को सुखत पर विशेषज्ञ समिति बनाकर स्थायी समाधान निकालना चाहिए, ताकि प्रबंधकों पर अनावश्यक दंडात्मक कार्रवाई न हो।
कर्मचारी अपनी सेवा शर्तों में सुधार और बेहतर वेतनमान की मांग कर रहे हैं। मोर्चा पदाधिकारियों-यशवंत नायक, हृदय सिंह चौहान, विजय कुमार तारम, दीपक लाल सिन्हा, भुवन चतुर्वेदी, सुखराम साहू, त्रिभुवन यादव, अभिजीत पांडे ने भी सरकार से कहा कि कर्मचारियों की जायज मांगों को तुरंत स्वीकार कर हड़ताल खत्म करवाया जाए।
मोर्चा का स्पष्ट कहना है-सख्ती नहीं, संवाद ही समाधान का रास्ता है।