सुपरवाइजर और आबकारी अधिकारी की साठगांठ से डोंगरगांव में अवैध शराब का खेल, शमसूल आलम का आरोप, कार्रवाई नहीं तो उग्र आंदोलन

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राजनांदगांव। डोंगरगांव की शराब दुकान एक बार फिर विवादों में घिर गई है। ओवररेटिंग, मिलावट और कोचियों को खुलेआम शराब की आपूर्ति जैसे गंभीर आरोपों के चलते दुकान की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। अजीत जोगी युवा मोर्चा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष शमसूल आलम ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि इस पूरे खेल में डोंगरगांव के सुपरवाइजर गजेंद्र सिंह राजपूत और राजनांदगांव के जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी की सीधी मिलीभगत है।
सूत्र बताते हैं कि जब डोंगरगांव शराब दुकान में हो रही गड़बड़ियों की शिकायत राजनांदगांव के आबकारी अधिकारी से की गई, तब यह खुलासा हुआ कि गजेंद्र सिंह और अभिषेक तिवारी के बीच बेहद गहरी साठगांठ है। गजेंद्र सिंह का अभिषेक तिवारी के घर और दफ्तर में लगातार आना-जाना है, जो संदेह को और मजबूत करता है।
शिकायतों से परेशान स्थानीय लोगों ने रायपुर हेड ऑफिस और टोल फ्री नंबर पर दर्जनों शिकायतें कीं। इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य उड़नदस्ता टीम ने 28 अगस्त 2025 को कार्रवाई करते हुए ओवररेटिंग की पुष्टि की। जांच में सामने आया कि यह सब गजेंद्र सिंह के इशारे पर किया जा रहा था।
शमसूल ने बताया कि 3 सितंबर 2025 को राजनांदगांव आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी को आदेश जारी किया गया था कि संबंधित सुपरवाइजर और सेल्समैन को ब्लैक लिस्ट किया जाए और इसकी जानकारी हेड ऑफिस को दी जाए। लेकिन आज तक न तो किसी को हटाया गया और न ही ब्लैकलिस्ट किया गया।
सूत्रों से यह भी पता चला है कि इसका सीधा कारण यह है कि गजेंद्र सिंह से मिलने वाले निजी लाभ बंद हो जाएंगे, और इसी वजह से अभिषेक तिवारी उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजापुर में पहले पदस्थ रहे तिवारी वहां भी ओवररेटिंग और मिलावट के लिए बदनाम थे, और अब वही सिस्टम राजनांदगांव में लागू किया जा रहा है-जो कि विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री का गृह जिला है।
आबकारी नियमों के खिलाफ जाकर गजेंद्र सिंह को न तो हटाया गया है और न ही ट्रांसफर किया गया है। वे बीते 7 सालों से डोंगरगांव की उसी शराब दुकान में पदस्थ हैं। शमसूल का कहना है कि अगर इतना सब होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती, तो यह साफ हो जाता है कि छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग में अभिषेक तिवारी से बड़ा अधिकारी कोई नहीं है, और उच्च अधिकारियों के आदेशों का कोई मतलब नहीं रह गया है।
अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी शमसूल आलम ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो युवा मोर्चा पूरे जिले में उग्र आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक दुकान का नहीं बल्कि पूरे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार और मिलीभगत का है, जिसे अब उजागर करना जरूरी हो गया है।