समाज कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले सेन समाज के आराध्य देव संत शिरोमणि सेन जी महाराज की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमन – शिव वर्मा

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समाज कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले सेन समाज के आराध्य देव संत शिरोमणि सेन जी महाराज की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमन – शिव वर्मा

राजनांदगांव।* जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष व निगम के पूर्व सभापति शिव वर्मा ने सेन जयंती पर बधाई देते हुए कहा कि संत शिरोमणि सेन महाराज का जन्म विक्रम संवत 1557 में वैशाख कृष्ण-12 (द्वादशी), दिन रविवार को वृत योग तुला लग्न पूर्व भाद्रपक्ष को चन्दन्यायी के घर में हुआ था। बचपन में इनका नाम नंदा रखा गया। वह क्षेत्र जहां सेन महाराज रहते थे सेनपुरा के नाम से जाना जाता है। यह स्थान बघेलखण्‍ड के बांधवगढ़ के अंतर्गत आता है। बिलासपुर-कटनी रेल लाइन पर जिला उमरिया से 32 किलोमीटर की दूरी पर बांधवगढ़ स्थित है। तत्कालीन रीवा नरेश वीरसिंह जूदेव के राज्य काल में बांधवगढ़ का बड़ा नाम सेन महाराज नाई थे और कहते हैं कि वे एक राजा के पास काम करते थे। उनका काम राजा वीरसिंह की मालिश करना, बाल और नाखून काटना था। उस दौरान भक्तों की एक मं‍डली थी। सेन महाराज उस मंडली में शामिल हो गए और भक्ति में इतने लीन हो गए कि एक बार राजा के पास जाना ही भूल गए। कहते हैं कि उनकी जगह स्वयं भगवान ही राजा के पास पहुंच गए। भगवान ने राजा की इस तरह से सेवा की कि राजा बहुत ही प्रसन्न हो गए और राजा की इस प्रसन्नता और इसके कारण की चर्चा नगर में फैल गई। श्री वर्मा ने आगे कहा कि बाद में जब सेन महाराज को होश आया तो उन्हें पता चला कि अरे! मैं तो आज राजा के पास गया ही नहीं। आज तो बहुत देर हो गई। वे डरते हुए राजा के पास पहुंचे। सोचने लगे कि देर से आने पर राजा उन्हें डांटेंगे। वे डरते हुए राजपथ पर बढ़ ही रहे थे कि एक साधारण सैनिक ने उन्हें रोक दिया और पूछा क्या राजमहल में कुछ भूल आये हो?

समाज कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले सेन समाज के आराध्य देव संत शिरोमणि सेन जी महाराज की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमन – शिव वर्मा