राजनांदगांव। शक्तिधाम महाकाली मंदिर परिसर भक्तिभाव से सराबोर रहा, जब 71 ज्योति कलशों के साथ भव्य विसर्जन यात्रा नगर भ्रमण को निकली। माता की जय-जयकार, भक्ति से ओत-प्रोत भजन और पारंपरिक सांग-बाना बैरगों की अद्भुत छटा ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
मंदिर समिति के प्रमुख गुरुदेव हरीश यादव ने बताया कि माता की विशेष कृपा से इस वर्ष अष्टमी के अवसर पर संतान प्राप्ति हेतु औषधि प्राप्त करने वाले निरूसंतान दम्पत्तियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि इस नवरात्रि में 57 दम्पत्तियों को औषधि वितरण किया गया, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 31 थी।
यही नहीं, उड्डीस तंत्र से 21 साधकों द्वारा अभिमंत्रित सर्व व्याधि निवारण धूप भी इस बार श्रद्धालुओं में विशेष आकर्षण का केंद्र बनी। लगभग 174 श्रद्धालुओं में यह धूप वितरित की गई।
विसर्जन यात्रा के दौरान माता के भक्तों की भावभीनी विदाई में श्रद्धा और आस्था की अद्भुत झलक देखने को मिली। जयकारों और अश्रुपूरित आंखों के साथ भक्तों ने माता को विदा किया।
सांग-बाना बैरग इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-नगाड़ों की थाप और भक्ति रस से सराबोर माहौल ने नगरवासियों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया।
माता रानी के प्रति श्रद्धा और आस्था के इस भावपूर्ण आयोजन ने यह एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि राजनांदगांव में धर्म, संस्कृति और परंपरा की जड़ें कितनी गहरी हैं।