राजनांदगांव। रानीतरई सहकारी समिति के प्राधिकृत अध्यक्ष विवेक साहू के खिलाफ गंभीर आरोपों ने जोर पकड़ लिया है। पूर्व जनपद सदस्य योगेंद्र दास वैष्णव ने उपपंजीयक कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कर साहू को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है।
वैष्णव का आरोप है कि साहू ने सहकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए उपपंजीयक को गलत जानकारी देकर और अंधेरे में रखकर अध्यक्ष पद हासिल किया। इस मामले ने स्थानीय किसानों के बीच असंतोष को बढ़ावा दिया है, जो समिति के कामकाज और पुनर्गठन में निष्कि्रयता से नाराज हैं।
योगेन्द्र दास वैष्णव ने अपनी शिकायत में सहकारी नियमों की उप विधि क्रमांक 11 का हवाला दिया, जिसमें यह अनिवार्य है कि अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का पिछले पांच वर्षों से समिति में सक्रिय लेन-देन होना चाहिए। वैष्णव ने दावा किया कि विवेक साहू का पिछले पांच वर्षों से कोई लेन-देन नहीं है, फिर भी उन्होंने कथित तौर पर भाजपा सरकार के प्रभाव का दुरुपयोग कर उपपंजीयक को गुमराह किया और अध्यक्ष पद पर काबिज हो गए।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने किसानों के हित में सहकारी समितियों को छोटे-छोटे इकाइयों में विभाजित कर पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया के तहत रानीतरई समिति के अंतर्गत आने वाले किसी भी गांव में नई समिति का गठन नहीं किया गया है। वैष्णव ने आरोप लगाया कि विवेक साहू ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया, जिससे किसानों के हित प्रभावित हुए हैं। स्थानीय किसानों में साहू के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है, और वे समिति के कामकाज में पारदर्शिता और सक्रियता की मांग कर रहे हैं।
वैष्णव ने उपपंजीयक से इस मामले की गहन जांच कर विवेक साहू को अध्यक्ष पद से हटाने और नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई करने की मांग की है। इस शिकायत ने रानीतरई सहकारी समिति के प्रशासनिक कामकाज पर सवाल उठाए हैं, और अब सभी की नजरें उपपंजीयक कार्यालय की कार्रवाई पर टिकी हैं।
