राजधानी में उमड़ा शिक्षकों का जन सैलाब, मंत्रालय घेराव को निकले शिक्षकों को पुलिस ने रोका

15

राजनांदगांव। विसंगति पूर्ण युक्त युक्तिकरण का विरोध, सोना साहू के तर्ज पर एरियर्स सहित क्रमोन्नत, वेतनमान की मांग, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवागणना कर पुरानी पेंशन लागू करना एवं व्याख्याता व प्राचार्य पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता खत्म करना सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर 28 मई को प्रदेश भर के हजारों हजार शिक्षक राजधानी रायपुर के धरना स्थल तूता मैदान पर उमड़ पड़े।
प्रदेश संचालक मनीष मिश्रा, केदार जैन एवं जाकेश साहू ने बताया कि राजधानी के धरना स्थल मैदान तूता पर शिक्षकों का जन सैलाब चारों ओर से आने लगा। काफी दिनों बाद शिक्षकों की ऐतिहासिक भीड़ एक बार फिर देखने को मिली। बहुत दिनों बाद ऐसा विराट आंदोलन का नजारा राजधानी में दिखाई दिया।
यह बात उल्लेखनीय की राज्य सरकार द्वारा तानाशाही रवैय्या अपनाते हुए शिक्षक संगठनों से बगैर किसी मंत्रणा के विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण लागू किया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद किया जा रहा है। अनेकों स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है। शिक्षक के 50,000 से अधिक पदों को समाप्त किया जा रहा है, जिसके कारण प्रदेशभर के शिक्षक सरकार से बौखलाए हुए।
शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालकों संजय शर्मा, वीरेन्द्र दुबे, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज, प्रदीप लहरे, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू एवं अनिल कुमार टोप्पो ने संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि सरकार प्रदेश की ढाई करोड़ आम जनता को गुमराह कर व झूठ बोलकर सरकारी स्कूलों को निजीकरण करने का एक दूरगामी षड्यंत्र रच रहा है, जिसे कभी भी सफल नहीं होने दिया जाएगा।
हजारों स्कूलों को बंद करना, स्कूलों को मर्ज करना, प्रधान पाठक व शिक्षकों के पदों को समाप्त करना यह सब प्रदेश के लाखों आम जनता, पालकों, शिक्षकों व स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ व बड़ा षड्यंत्र है।
अपनी मांगों को लेकर मंत्रालय घेराव के लिए निकले हजारों हजार शिक्षकों की जनसैलाब को रोकने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। शिक्षकों ने पुलिस द्वारा लगाए गए पहले बेरीकेट्स को तोड़कर तेजी से आगे बढ़े, जिसे आगे रेलवे ओवरब्रिज के पास दूसरा बड़ा टीन का बेरीकेट्स लगाकर शिक्षकों को रोका गया।
शिक्षकों का उग्र रूप देखकर राज्य सरकार ने शिक्षक साझा मंच को डेलिगेशन के लिए बुलाया, लेकिन सरकार से वार्ता बेनतीजा रहा और शिक्षकों ने अपनी मांगों के लिए सरकार को फिर से दो दिनों का अल्टीमेटम देते हुए 31 मई से अनिश्चित कालीन आंदोलन का ऐलान कर दिया।
अब 31 मई से प्रदेश के हजारों शिक्षक राजधानी के तूता मैदान में संभागवार क्रमिक हड़ताल करेंगे। गांव-गांव तक सरकार के उक्त जनविरोधी फैसले को पहुंचाया जाएगा। 16 जून से प्रदेशभर के स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का बहिष्कार करते हुए व्यापक स्तर पर हड़ताल किया जाएगा तथा इसे जनांदोलन बनाया जाएगा।