राजनांदगांव। हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें तथा घर के आसपास को साफ-सुथरा रखें, ताकि मच्छर न पनप पाए और मलेरिया संक्रमण से बचाव किया जा सके। इस आशय की जानकारी का प्रचार-प्रसार करने हेतु जिले में विविध जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कलेक्टर डोमन सिंह के निर्देशन में मलेरिया के विषय में जन-जागरुकता के लिए रैली भी निकाली गई, जिसे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की संयुक्त पहल से सीएमएचओ कार्यालय परिसर स्थित जिला मलेरिया विभाग कार्यालय से निकाली गई जागरुकता रैली में शासकीय बीएससी नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं, स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी एवं नगर निगम के सफाई कर्मी प्रमुख रूप से शामिल हुए। वहीं के रैली के आयोजन के साथ-साथ जिले के स्कूल में ड्राईग प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, नारे लेखन तथा अन्य गतिविधिया का आयोजन कर जन-जागरूकता लाने का कार्य जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. भूमिका वर्मा की उपस्थिति में किया गया, जिसमें जिला मलेरिया विभाग के वीबीडीसी संगीता पांडेय, सीपीएम पूजा मेश्राम, एसडब्लू राजेश गायकवाड़, एफएलए यशोदा धनकर डीईओ गितेश बोरकर ने प्रमुख भागीदारी निभाई। जागरुकता रैली के माध्यम से मलेरिया से बचाव हेतु लोगों को सतर्क किया गया।
कार्यक्रम अवसर पर मलेरिया विभाग की जिला सलाहकार संगीता पांडेय ने बतायाः मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में यह अभी भी एक गंभीर चुनौती है। पिछले दो दशकों में मलेरिया के उन्मूलन के लिए चलाए गए वैश्विक कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप मलेरिया के आंकड़ों में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी इस पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। इस पर संपूर्ण नियंत्रण के लिए जारी प्रयासों के क्रम में हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर इस साल भी स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बतायाः जागरुकता कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप मलेरिया संक्रमण के आंकड़े में जिले में हर साल गिरावट दर्ज की जा रही है। जिले के विकासखण्डों, संवेदनशील गांवों, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती सभी गांवों, सीआरपीएफ, आईटीबीपी कैम्प तथा पुलिस चौकी जैसे अन्य स्थानों पर मलेरिया उन्मूलन के लिए समय-समय पर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। जिले के अति संवेदनशील ग्रामों में मलेरिया, डेंगू एवं अन्य कीटनाशक बीमारियों से बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग सुनिश्चित करते हुए मच्छरदानी का उपयोग करने हेतु जन-जागरूकता के लिए मितानिन भी आवश्यक जिम्मेदारी निभा रही हैं। वे हर शाम 7 बजे सीटी बजाकर लोगों को मच्छरदानी लगाने की याद दिलाती हैं।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. भूमिका वर्मा ने बताया, मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की ओर से संयुक्त जागरुकता अभियान की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में अस्पतालों में जांच शिविर लगाए गए तथा मलेरिया जागरुकता रथ भी निकाला गया। उन्होंने अपील की है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास को साफ सुथरा रखें।
