राजनांदगांव। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), राजनांदगांव इकाई ने मंगलवार को स्थानीय एसटी हॉस्टल में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में एक प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन किया। यह आयोजन महान स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को समर्पित था।
संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य युवाओं और विद्यार्थियों को बिरसा मुंडा के ऐतिहासिक संघर्ष और बलिदान से परिचित कराना था। कार्यक्रम में हॉस्टल के विद्यार्थियों सहित स्थानीय नागरिक और अभाविप के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नगर विस्तारक कपिल टेकाम रहे। उन्होंने बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा, बिरसा मुंडा ने अत्याचारी व्यवस्था के खिलाफ श्उलगुलान (महान हलचल) जैसी ऐतिहासिक क्रांति की शुरुआत की थी।
श्री टेकाम ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा का योगदान पूरे भारत के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने जोर दिया कि युवाओं को उनके त्याग, नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से सशक्त समाज निर्माण की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया।
अभाविप नगर मंत्री अक्षत श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय गौरव दिवस केवल महापुरुषों का स्मरण दिवस नहीं है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती हमें सामाजिक समरसता और कर्तव्यबोध की शिक्षा देती है।
श्री श्रीवास्तव ने दोहराया कि अभाविप हमेशा जनजातीय समाज के उत्थानए उनके अधिकारों एवं गौरवशाली परंपराओं के संरक्षण के लिए कार्य करता रहेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद वक्ताओं ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की।
एसटी हॉस्टल के विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन उन्हें अपनी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ने, इतिहास को समझने और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करते हैं।
इस अवसर पर प्रांत साविष्कार सहप्रमुख चंदना श्रीवास्तव, नगर सहमंत्री निकिता श्रीरंगे, प्रतीक गढ़वाल, महाविद्यालय प्रमुख जीत शर्मा, सहप्रमुख वेणुका, स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट प्रमुख कुलदीप पाल तथा अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
अंत में, अभाविप नगर इकाई ने संकल्प लिया कि जनजातीय महापुरुषों की गौरवशाली परंपरा को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे।










