राजनांदगांव। गंडई राजस्व विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ आवाज बुलंद करने बड़ी संख्या में किसान व ग्रामीण तहसील मुख्यालय गंडई पहुंच कर प्रदर्शन की तैयारी में है।
प्राप्त खबरों के मुताबिक गंडई तहसील के प्रभारी तहसीलदार के विरूद्ध किसानों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। छोटे-छोटे काम सहित ऑनलाइन नामांतरण के प्रकरणों को भी लटका कर रिश्वतखोरी की प्रवृत्ति से क्षेत्र के किसान हलाकन और परेशान हो चुके हैं। बिना चढ़ोत्तरी काम नहीं करने के लिए बदनाम हो चुके तहसील कार्यालय गंडई में पदस्थ तहसीलदार की शिकायत राजस्व मंत्री जय सिंग अग्रवाल से सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने की है। बताया जाता कि 4 ग्रामीणों ने तो बकायदा शपथ पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराने वाले हैं कि उनसे राजस्व के विधि पूर्ण कार्य के लिए रूपये लिए गए हैं। एक किसान ने तो खुलकर बताया कि उसने नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का 100 प्रतिशत पालन किया, जिसके लिए निर्धारित पेशी दिनांक को उपस्थित भी हुआ, किन्तु चढ़ोत्तरी के आभाव में निर्धारित समय के बाद भी आदेश जारी नहीं किया गया, बल्कि इसी मामले में 74 वर्षीय बुजुर्ग किसान के साथ दुर्व्यवहार किए जानें की भी शिकायत सामने आ रही है। तहसीलदार के इस मनमानीपूर्ण रवैया से ग्रामीण परेशान हो चुके हैं और लगातार जनाक्रोश बढ़ता हुआ भी दिख रहा है। इसी तरह एक किसान ने बताया कि उसकी 64 डिसमिल पैतृक कृषि भूमि है, जो कि उसे परिवारिक बंटवारा में प्राप्त हुआ था, जिसे हल्का पटवारी द्वारा त्रुटिवश विक्रय होना लिख कर दूसरे के नाम पर दर्ज कर दिया गया था, जिस की जानकारी मिलने पर कृषक द्वारा महीनों पहले रिकॉर्ड को दुरुस्त करने आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिस पर नियमानुसार दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया गया। गांव में मौका जांच कर पंचनामा बनाया गया। सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई। अंतिम में पीड़ित किसान से चढ़ोत्तरी भी ले लिया गया है, किन्तु अब तक रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं किया गया है। किसान अपनी ही संपत्ति के लिए तहसील कार्यालय का महीनों से चक्कर काट रहा है।
इसी तरह एक आदिवासी किसान ने बताया कि उनकी 10 एकड़ पैतृक कृषि भूमि है, जिस पर पर्चा अलग करने तहसील कार्यालय गंडई में आवेदन दिया गया था, जिस पर पूर्व में पदस्थ तहसीलदार श्री वर्मा द्वारा समय सीमा में नियमानुसार कार्रवाई किया गया, किन्तु उनके स्थांतरण के बाद जब से साल्हेवारा के तहसीलदार प्रभार में आएं हैं, तब से आदिवासी किसान को कई बार चक्कर काटना पड़ा, चढ़ोत्तरी देना पड़ा तब कहीं जाकर पर्चा बनकर दोनों भाईयों को मिल पाया। इसी तरह एक पैतृक संपत्ति का बंटवारा का है, जिसे चढ़ोत्तरी के अभाव में लटकाया गया है, जब पक्षकार जाते हैं तो उनसे दुर्व्यवहार किया जाता है।
एडीबी प्रोजेक्ट अंतर्गत निर्माणधीन सड़क निर्माण में किसानों को मुआवजा के प्रकरण बनाने एवं सर्वे के नाम पर लगातार उक्त प्रभारी तहसीलदार द्वारा किसानों को परेशान किया गया है तथा चढ़ोत्तरी के बिना आज तक ग्राम जोम, उदान सहित दनिया के किसानों को स्पष्ट नहीं बताया गया है कि उनकी कितनी लगानी जमीन एवं भू-स्वामी हक में धारित पट्टा भूमि सड़क निर्माण की जद में आ रहा है।
कलेक्टर के कहने के बाद भी ओला वृष्टि से हुऐ फसल क्षति पूर्ति का भी अब तक सर्वे पूर्ण नहीं किया गया है। कसानों ने बताया कि इस संबंध में तहसीलदार से बात करने पर, उनके द्वारा दुर्व्यवहार करते हुऐ समय मिलने पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
फिलहाल उक्त राजस्व अधिकारी के खिलाफ लगातार शिकायत मिलने और किसानों के रोजमर्रा के काम लटकने की वजह से शासन की भी छबि धूमिल हो रही है। शिकायत और बड़े प्रदर्शन की तैयारी में लगे किसानों की माने तो शीघ्र रिश्वतखोर अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही नहीं किया गया तो बड़ा धरना प्रदर्शन कर हल्ला बोला जाएगा। किसानों ने पूर्णकालिक तहसीलदार की मांग किए हैं।
कार्यालय जाकर किया जाएगा प्रदर्शन : खम्हन ताम्रकार
भाजपा नेता खम्हन ताम्रकार ने कहा कि तहसील कार्यालय गंडई में किसानों के हर एक काम के लिए रिश्वत लेने की लगातार शिकायतें हैं। आगामी 8 मई को किसानों के साथ भ्रष्ट अधिकारी को रिश्वत देने बाजा-गाजा के साथ बारात के रुप में कार्यालय जाकर प्रदर्शन करेगें।
