राजनांदगांव। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा की गुटबाजी को उजागर करते हुए क्षेत्रीय विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा की गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में लगे हुए हैं। स्वयं ही प्रदेश में अराजकता का वातावरण तैयार कर रहे है। श्री छाबड़ा ने यह भी कहा कि राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होना उस पर भी रहे सहे डॉक्टरों द्वारा इस्तीफा दिया जाना यह साबित करता है कि डॉक्टर साहब अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति कितने लापरवाह है।
श्री छाबड़ा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के 20 डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफा दिया गया है, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष राजनांदगांव के विधायक डा. रमन सिंह की लापरवाही और राजनांदगांव के साथ हो रही उपेक्षा के जिम्मेदार डॉ. रमन सिंह है। जब कई माह से डॉक्टरों की मांग चले आ रही है जिसको भाजपा सरकार के संज्ञान में न लेना तथा डॉ. रमन सिंह खुद डॉक्टर होकर अपने क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज में होने वाले घटनाक्रम में लापरवाही दिखाना, इस बात का प्रमाण है कि जो डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे हुए हैं। इसके पूर्व भी राजनांदगांव में तथा अन्य मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टर इस्तीफे दे चुके है। राजनांदगांव मेडिकल में रेडियोलॉजिस्ट में वर्तमान में एक ही डॉक्टर है, जबकि 7-8 डॉक्टर होने चाहिए, सर्जरी में 2 डॉक्टर है, जबकि 8-9 डॉक्टर होने चाहिए। हड्डी विभाग में 2-3 डॉक्टर है, जिसमें 7-8 डॉक्टर होने चाहिए। गाइनिक में 3 डॉक्टर है जिसमें एक एचओडी है, जबकि 7 से 8 डॉक्टर होनी चाहिए। मेडिसीन में 5 डॉक्टर है, जबकि 10 डॉक्टर होने चाहिए। पैथोलॉजी में 3 डॉक्टर है, जबकि 7 से 8 डॉक्टर होना चाहिए। टीबी विभाग में 1 डॉक्टर है, जबकि 3 डॉक्टर होने चाहिए। मनोरोग विभाग में 1 डॉक्टर है, जबकि 3 होने चाहिए। न्यूरोलॉजिस्ट, किडनी का डॉक्टर, हार्ट का डॉक्टर नहीं है, वह भी नियुक्ति होनी चाहिए। इसी तरह अन्य विभाग में भी डॉक्टरों की बहुत कमी है। मेडिकल कॉलेज का आनन-फानन में तत्काल चुनावी लाभ लेने के लिए बिना सुविधा दिए डॉ. रमन ने मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिया, जबकि बुनियादी ढांचा एवं मरीजों की सुविधा के संबंध में किसी भी प्रकार का काम पूर्ण नहीं हुआ हुआ था। सिटी स्कैन मशीन की राशि कांग्रेस सरकार आने पर दी गई, किन्तु विलंबता के कारण मशीनों की मूल्य में वृद्धि हो जाने से आज तक मशीन खरीदी नहीं गई। जिस कारण मरीज सरकारी सुविधाओं से वंचित है तथा प्राइवेट जाकर सिटी स्कैन कराने से मरीजों को जेब से पैसा लगता है और यह प्राइवेट सिटी स्कैन वालों के साथ भाजपा के लोग व्यापार कर रहे हैं। इसी तरह एमआरआई मशीन तथा एक्स-रे मशीन भी मेडिकल कॉलेज में नहीं है। हमारा यह आरोप है कि डा. रमन सिंह अपने निवास क्षेत्र कवर्धा में राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज को कवर्धा ले जाने के लिए जान-बुझकर राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज को कोई सुविधा नहीं दिला रहे हैं, ताकि राजनांदगांव का मेडिकल कॉलेज समस्याओं के कारण बंद हो और इस कॉलेज को कवर्धा स्थानांतरित कर दिया जाए। हमारा आरोप यह भी है कि प्रदेश में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बने हैं और डा. रमन सिंह मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में अराजकता और समस्याएं फैलाकर विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद से हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने में लगे हैं। इस तरह भाजपा की आपसी गुट राजनीति और लड़ाई-झगड़े के कारण छत्तीसगढ़ की जनता को हर विषय पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्या 15 साल रहे मुख्यमंत्री एवं वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह इतने कमजोर हो चुके हैं कि उनकी नहीं चल रही है या फिर मुख्यमंत्री बनने की लालसा में यह षड्यंत्र हो रहा है। 500 करोड़ से बने मेडिकल हॉस्पिटल की सुविधाएं 2014 में पूर्ण हो जानी थी जो कि नहीं हुई, जिसके जिम्मेदार उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह है। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में लगभग 30 प्रतिशत के आसपास ही डॉक्टर है। अब इस्तीफा देने के बाद में वह भी स्थिति नहीं है कि मेडिकल कॉलेज का संचालन हो। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज की मान्यता भी खतरे में है। वर्तमान में डा. रमन सिंह को आपातकाल अपने निर्वाचन क्षेत्र में बैठकर कर मरीजों की जान बचाने व इलाज कराने की चिंता कराने की चिंता करनी चाहिए। जिस पर लापरवाह डॉ. रमन सिंह कमेटी बनाकर जिला प्रशासन डॉक्टरों से चर्चा कर आगे की कार्यवाही करेंगे, बोलकर राजनांदगांव छोड़कर रायपुर चले गए। अपने मीडिया व्यक्तव में डॉक्टरों की मांगों को छोटा-मोटा प्राब्लम है बताया है, जब छोटे-मोटे प्राब्लम सालों से हल नहीं कर सकते, तो अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को हल नहीं कर सकते, जबकि अपने क्षेत्र में किस स्थिति में उसी पल बैठकर डॉक्टरों के साथ उनके द्वारा की जा रही मांगों को आपस में समन्वय बनाकर निदान करना चाहिए तथा मेडिकल कालेज में जो सुविधाएं नहीं है, उसे पूर्ण करना चाहिए, जबकि डॉक्टरों द्वारा बहुत समय से अपनी बातों को शासन के सामने रखा गया है, किन्तु स्वयं डा. रमन सिंह डॉक्टरों के सामने बैठकर बात करने में शायद अपने आप को छोटा महसूस कर रहे हैं। इस तरह वर्तमान में भर्ती हुए मरीज की स्थिति और उनके इलाज के बाबत् आगे की कोई व्यवस्था कुछ नहीं की गई है, यह वही डॉ. रमन सिंह है जो पूरी भाजपा पार्टी के साथ अपने पुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के साथ मेडिकल कॉलेज में पंडाल लगाकर कांग्रेस शासनकाल में लोगों की समस्याएं जानकर उसको निदान की बात कर रहे थे और भाजपा सरकार आते ही मेडिकल कॉलेज की स्थिति बद से बदत्तर हो गई। इसके जिम्मेदार यहां के विधायक डॉ. रमन सिंह और उनकी भाजपा पार्टी है। संविदा एवं जूनियर डॉक्टरों के भरोसे मेडिकल कॉलेज नहीं चलाया जा सकता। इन समस्याओं के लिए शहर कांग्रेस जनहित आंदोलन चलाएगी। 48 घंटे के भीतर यहां पर डॉक्टरों के साथ सामजस्य स्थापित कर होकर मरीजों को सुविधा नहीं मिलती, उस स्थिति में राजनांदगांव के विधायक डॉ. रमन सिंह को जगाने के लिए इनके पुतले हर दो से तीन दिन में हर वार्ड में जलाएं जाएंगे। सिटी स्कैन मशीन के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई राशि के अतिरिक्त होने वाले अतिरिक्त राशि की व्यवस्था डा. रमन सिंह अपने स्वेच्छानुदान राशि अथवा सरकार से करवा सकते है। ऐसा नहीं करने पर सिटी स्कैन मशीन की अतिरिक्त राशि के लिए राजनांदगांव में शहर कांग्रेस आम जनता एवं सामाजिक संस्थाओं से निवेदन कर सहायता राशि एकत्र करेगी और प्रशासन के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार को भेंट करेगी, ताकि सिटी स्कैन का लाभ मेडिकल कॉलेज के मरीजों को मिल सकेगी।
प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी श्रीकिशन खंडेलवाल, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष शारदा तिवारी, विकास त्रिपाठी, महामंत्री अमित चंद्रवंशी, ब्लॉक अध्यक्षद्वय सूर्यकांत जैन, आसिफ अली, पार्षद मनीष साहू आदि उपस्थित थे।