डॉ. रमन सिंह की फेयरवेल पार्टी और गिरीश देवांगन की वेलकम पार्टी की हो रही तैयारी : सुजीत दत्ता

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राजनांदगांव। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुजीत दत्ता (बापी) ने संस्कारधानी की गरिमा के अनुरूप बयान देते हुए कहा कि विधानसभा आम चुनाव में चल रही बायार से यह स्पष्ट हो चुका है कि विधानसभा क्षेत्र की जनता डॉ. रमन सिंह को फेयरवेल पार्टी देने का पूरा मूड बन चुकी है और गिरीश देवांगन की वेलकम पार्टी देने की तैयारी पूरी करने में लगी है।
श्री दत्ता ने आगे कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है। पिछले 2018 के चुनाव में जैसे छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन मे ही भाजपा को हटाने का मूड बनाया था। वैसा ही मुड 2023 के विधानसभा चुनाव में राजनांदगांव सीट में परिवर्तन को लेकर बनाई है। डॉ. रमन सिंह जब मुख्यमंत्री थे, उनका चुनाव जीतना एक परीक्षा थी, लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में विधायक रहते चुनाव जीतना उनके लिए अग्नि परीक्षा है, उनके विधायक कार्यकाल के दौरान यहां की जनता ने उनको आजमा लिया है कि वह व्यक्तिगत तौर से कोई विकास कार्य नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री होते हुए विकास निर्माण कार्यों को थोक के थोक अंजाम देने अलग बात है।
श्री दत्ता ने फिर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार खुश होकर प्रदेश की जनता उन्हें दूसरी बार भी अवसर देने के लिए मतदान किया है। 3 तारीख को हमारा विश्वास हकीकत में बदल जाएगा। ऐसे दौर में डॉ. रमन सिंह फिर विधायक बनेंगे तो फिर 5 साल में विकास निर्माण कार्यों में विधानसभा क्षेत्र पीछे जाएगा। यह सोचकर जनता ने गिरिश देवांगन को विधायक चुनने के लिए खुशी-खुशी वोटिंग की है। श्री देवांगन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खासम खास है यह भी आम जनता अच्छी तरह जान चुकी है, उनके विधायक चुने जाने के बाद उनका कैबिनेट मंत्री बनना निश्चित जान पड़ रहा है। यदि ऐसा नहीं हो सका तो आगामी अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी लगाया जा सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि गिरीश देवांगन की काबिलियत राज्य ही नहीं राष्ट्र का नेतृत्व करने का भी है। उन्होंने ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आम जनता संगठन और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे इन सभी के बीच सेतु का काम कर रहे हैं। इससे राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस को नई पहचान मिली है। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर भले ही कांग्रेस का विरोध करते हो, लेकिन विकास योजनाओं में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सबसे ज्यादा नंबर वन देने में भी नहीं चुके हैं।