डेंगू से बचाव के लिए रैली निकालकर किया गया जागरूकता

2

राजनांदगांव। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय डेंगू दिवस के पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू रोग के कारण, लक्षण तथा बचाव सहित अन्य जानकारी से जागरूक करने जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सीएमएचओ डॉ. नेतराम नवरत्न द्वारा कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजनांदगांव से नागरिकों को डेंगू होने के कारण, इसके लक्षण तथा बचाव के संबंध में आवश्यक उपायों की जानकारी देने के लिए रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। रैली डेंगू से बचाव के संबंध में नारा लगाते हुए शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए नागरिकों को डेंगू रोग से बचाव के लिए जागरूक किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 16 मई को डेंगू पर नियंत्रण के लिए जनजागरूकता का प्रसार करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस ‘‘देखें, साफ करें, ढकें डेंगू को हराने का उपाय करें’’ की थीम पर मनाया गया। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से डेंगू रोग से बचाव के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि डेंगू मच्छर जनित एक वायरल बीमारी है, जिसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं और त्वचा पर चकत्ते भी निकल आते हैं। डेंगू फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जिला सलाहकार संगीता पांडेय ने बताया कि डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां मच्छरों के काटने से होती है, लेकिन मामूली सावधानी बरतने से मच्छर के काटने से बचा सकता है। भारत में विशेषकर यह बारिश के दिनों में होने वाला सामान्य रोग है। डेंगू का लार्वा सामान्यतः जमे हुए साफ पानी में पनपता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्टूबर का समय काफी अनुकूल होता है। यही वजह है कि इस समयावधि में सतर्क रहना जरूरी होता है। डेंगू से बचाव के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संदीप ताम्रकार ने बताया कि डेंगू पर नियंत्रण के लिए विकासखंड छुरिया, डोंगरगढ़, घुमका, डोंगरगांव के उपकेंद्रों में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा का लक्ष्य लेकर लगातार विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सोर्स रिडक्शन गतिविधियां की जा रही हैं, जिसमें मितानिन की विशेष भूमिका है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर भी जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि एडीज एजिप्टीएक ऐसा मच्छर है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जीका बुखार, मायरो बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैल सकता है। विशेषकर बारिश के मौसम की शुरूआत के साथ ही मच्छरों के प्रजनन और परिणाम स्वरूप महामारी में वृद्धि होती है। एडीज एजिप्टी मच्छर सबसे ज्यादा सुबह और शाम को और छायादार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह पूरे साल या अनुकूल स्थिति में किसी भी समय संक्रमण फैला सकते हैं। इससे बचाव हेतु सभी को आवश्यक उपाय अपनाना चाहिए। डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता है। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने न दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा रहता है। कूलर का उपयोग नहीं होने पर उसका पानी खाली कर दें। घर की छत पर रखे गमलों या अन्य चीजों में पानी जमा हो तो उसे तुरंत खाली करना चाहिए, क्योंकि इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं। घरों के आसपास या गड्ढों में पानी जमा नहीं होने दें, वहीं मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और स्प्रे का इस्तेमाल करें।