डेंगू से बचाव के लिए जिले में हुए जागरुकता कार्यक्रम, डेंगू होने के कारण, लक्षण तथा बचाव की दी जानकारी

6

राजनांदगांव। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. भूमिका वर्मा ने बताया की डेंगू रोग के विषय में जनजागरुकता के लिए जिले में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर डेंगू से बचाव से संबंधित नारा लेखन व कार्यशाला आयोजित की गई तथा रैली भी निकाली गई, जिसमें लोगों को डेंगू होने के कारण, इसके लक्षण तथा इससे बचाव से संबंधित आवश्यक उपायों की जानकारी दी गई।
प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है, जिसका मूल उद्देश्य डेंगू पर नियंत्रण के लिए जनजागरुकता का प्रसार है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस डेंगू इज प्रिवेंटिएबल-लेट्स जॉइन हैंड्स की थीम पर मनाया गया। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचारित किया गया कि डेंगू मच्छर जनित एक वायरल बीमारी है जिसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं और त्वचा पर चकत्ते भी निकल आते हैं। डेंगू फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जिला सलाहकार संगीता पांडेय ने बतायाः डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं, लेकिन मामूली सावधानी अपनाने से मच्छर के काटने से बचा सकता है। भारत में विशेषकर यह बारिश के दिनों में होने वाला सामान्य रोग है। डेंगू का लार्वा सामान्यतः जमे हुए साफ पानी में पनपता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्टूबर का समय काफी अनुकूल होता है। यही वजह है कि इस समयावधि में सतर्क रहना जरूरी होता है। डेंगू से बचाव के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड ने बतायाः डेंगू पर नियंत्रण के लिए जिले के 4 विकासखंडों छुरिया, डोंगरगढ़, घुमका, डोगरगाँव के उपकेंद्रों में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा का लक्ष्य लेकर लगातार विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सोर्स रिडक्शन गतिविधियां की जा रही हैं जिसमें मितानिन की विशेष भूमिका है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर भी जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उन्होंने आगे बतायाः एडीज एजिप्टी एक ऐसा मच्छर है जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जीका बुखार, मायरो बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैला सकता है। विशेषकर बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ ही मच्छरों के प्रजनन और परिणाम स्वरूप महामारी में वृद्धि होती है। एडीज एजिप्टी मच्छर सबसे ज्यादा सुबह और शाम को और छायादार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह पूरे साल या अनुकूल स्थिति में किसी भी समय संक्रमण फैला सकते हैं। इससे बचाव हेतु सभी को आवश्यक उपाय अपनाना चाहिए।
डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता है। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने न दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा रहता है। कूलर का उपयोग न होने पर उसका पानी खाली कर दें। घर की छत पर रखे गमलों या अन्य चीजों में पानी जमा हो तो उसे तुरंत खाली करना चाहिए, क्योंकि इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं। घरों के आसपास या गड्ढों में पानी जमा ना होने दें। वहीं मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और स्प्रे का इस्तेमाल करें।