राजनांदगांव। शहर में जश्ने ईद मिलादुन्नबी 1500 साला मुबारक का जश्न अकीदत और शान-ओ-शौकत के साथ मनाया गया। इस मौके पर प्यारेलाल स्कूल तुलसीपुर में सीरतुन्नबी इंतजामिया कमेटी की जानिब से एक अजीमुश्शान तकरीर और महफिल-ए-मिलाद का एहतिमाम किया गया। कार्यक्रम में बड़ी तादाद में शहर के उलेमा-ए-किराम, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी वर्ग और नौजवान शरीक हुए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुरादाबाद से तशरीफलाए मुफ्ती हम्माद रजा किबला साहब ने सीरत-ए-नबी पर रोशनी डालते हुए मोहब्बत, अमन और भाईचारे का पैगाम दिया। उन्होंने कहा कि पैगम्बरे इस्लाम की तालीमात इंसानियत को एकजुट करने वाली हैं और आज के दौर में इन्हें अपनाने की सख्त जरूरत है।
इस खास मौके पर राजनांदगांव की जामा मस्जिद कमेटी को उसकी बेहतरीन खिदमात के लिए सम्मानित किया गया। मस्जिद की मिल्कियत हीरामोती लाइन में नवनिर्मित मकान-दुकानों की तामीर, रख-रखाव और बेहतर प्रबंधन के लिए कमेटी की सराहना की गई।
सम्मान स्वरूप जामा मस्जिद के सदर हाजी रईस अहमद शकील, उनके तमाम कारकुनान, ईमामे-जामा मस्जिद कारी कासिम रजा बरकाती साहब को मुफ्ती हम्माद रजा साहब के दस्ते मुबारक से मोमेंटो भेंट कर नवाजा गया।
इस मौके पर कमेटी से जुड़े हाजी फारूख भाई, हाजी तनवीर अहमद, मुन्ना इब्राहिम, सैय्यद अफजल अली, जाकिर अंसारी, इमरान बाठिया और हाजी अतहर साहब भी मौजूद रहे। शहर की विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी इस सम्मान को साझा खुशी के रूप में देखा और जामा मस्जिद कमेटी को दिली मुबारकबाद पेश की।
कमेटी की इस उपलब्धि पर शहरभर में खुशी का माहौल देखा गया। लोगों का कहना है कि मस्जिद की तामीर और इंतजाम के साथ-साथ कमेटी ने समाज में अमन व भाईचारे के लिए भी मिसाली काम अंजाम दिए हैं।
इस अवसर पर जामा मस्जिद कमेटी के सदर हाजी रईस अहमद शकील ने सीरतुन्नबी कमेटी, मोती मस्जिद तुलसीपुर के सदर सैय्यद अली अहमद, अफजल खान, अहमद रजा, अंसारी सहित तमाम आयोजकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इस तरह की महफिलें नई नस्ल को सच्चे रास्ते की राह दिखाने में मददगार साबित होती हैं।
कार्यक्रम का समापन दुआ-ए-खैर के साथ हुआ। शहरवासियों ने उम्मीद जताई कि जामा मस्जिद कमेटी भविष्य में भी इसी जज़्बे और लगन के साथ समाज की खिदमत करती रहेगी और अमन, मोहब्बत व इंसानियत का पैगाम आम करती रहेगी।