छुईखदान जनपद पंचायत चुनाव, सुधीर गोलछा की प्रचंड जीत, नया कीर्तिमान स्थापित

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छुईखदान। छुईखदान जनपद पंचायत चुनाव में दनिया के प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं जननेता सुधीर गोलछा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने पूरे चुनाव में अपने प्रभावशाली जनसंपर्क और मजबूत जनाधार के बल पर अपराजेय बढ़त बनाए रखी और 3819 वोट में से 2533 वोट की बढ़त प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को भारी अंतर से पराजित किया।
सुधीर गोलछा की जीत केवल मतगणना के आंकड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने क्षेत्र के हर मतदान केंद्र पर जबरदस्त बढ़त हासिल की। विशेष रूप से उनके गृह ग्राम पंचायत में उन्हें एकतरफा समर्थन मिला, जहां ग्रामीणों ने उन्हें पूर्ण विश्वास के साथ प्रचंड मतों से विजयी बनाया। दिलचस्प तथ्य यह रहा कि सुधीर गोलछा को अकेले ही इतने वोट मिले, जितने चारों अन्य प्रत्याशियों को मिलाकर भी नहीं मिले। यह स्पष्ट करता है कि जनता ने उन्हें अपने सच्चे प्रतिनिधि के रूप में स्वीकार कर लिया है।
इस चुनाव की सबसे बड़ी विशेषता रही महिला मतदाताओं का पूर्ण समर्थन, जिससे यह जीत और भी ऐतिहासिक बन गई। चुनाव विश्लेषकों के अनुसार, सुधीर गोलछा को महिलाओं से शत-प्रतिशत मत प्राप्त हुए, जो उनके प्रति जनता के गहरे विश्वास को दर्शाता है। इसके अलावा, जंगलपुर पंचायत से उन्हें सर्वाधिक मत प्राप्त हुए, जिससे उनकी लोकप्रियता और प्रभाव का स्पष्ट प्रमाण मिलता है। वहीं अकेले ग्राम पंचायत जोम के तीनों गांव से इतने वोटों की बढ़त मिली है, जितने अन्य 4 प्रत्याशियों को कुल वोट नहीं मिले हैं।
सुधीर गोलछा की यह ऐतिहासिक जीत केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह छुईखदान जनपद पंचायत की राजनीति में एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक भी है, उनकी नेतृत्व क्षमता, जनसेवा की प्रतिबद्धता और दूरदर्शी सोच ने जनता को एक मजबूत विकल्प प्रदान किया है।
प्रचंड जीत के साथ सुधीर गोलछा ने न केवल अपने राजनीतिक कौशल को साबित किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जनता अब विकास, ईमानदारी और प्रभावी नेतृत्व को प्राथमिकता दे रही है, उनकी यह विजय छुईखदान क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव और विकास की नई उम्मीदों को जन्म देती है।
दनिया निवासी गोलछा की पहचान एक आंदोलनकारी की है। गोलछा को जनहित के मुद्दों पर किसानों के लिए बड़े-बड़े आंदोलन करने और ग्रामीणों के हित की रक्षा करने के लिए भी जाना जाता है।
बड़े आंदोलन में हमेशा एतिहासिक नहर आंदोलन को याद किया जाता है, जब सुधीर गोलछा के नेतृत्व में 5000 किसानों ने छुईखदान में प्रदर्शन किया और दनिया में चक्काजाम किए थे। हाल ही में छुईखदान-दनिया एडीबी सड़क निर्माण में किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए किए गए पदयात्रा है, जिससे सैंकड़ों किसानों को करोड़ों रुपये मुआवजा इस पदयात्रा वाले आंदोलन की वजह से मिला। इस तरह दर्जनों आंदोलन कर गोलछा ने अन्य नेताओं से हट कर अपनी अलग पहचान बनाई है। जब सुधीर गोलछा 2010 से 2015 के कालखंड में ग्राम पंचायत दनिया के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधी थे, तब ग्राम पंचायत दनिया को नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय समारोह में नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। दूरगामी सोच और विकास मूलक कार्यों के दम पर अपनी अलग पहचान रखने वाले गोलछा से क्षेत्र की जनता को आने वाले इस कार्यकाल में बहुत उम्मीद और विश्वास है कि क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।