गोवर्धन पूजा और भाई दूज पर भाजपा पार्षद शिव वर्मा ने दी नागरिकों को शुभकामनाएँ

श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ी गोवर्धन पूजा और स्नेह का प्रतीक भाई दूज का पर्व मनाने का किया आह्वानराजनांदगांव। नगर निगम के वरिष्ठ भाजपा पार्षद शिव वर्मा ने नगर के सभी नागरिकों को गोवर्धन पूजा और भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों पर्व भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं जो हमें भक्ति, स्नेह और एकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि गोवर्धन पूजा, दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की उस अद्भुत लीलाओं में से एक का स्मरण कराता है जब इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजभूमि पर सात दिन-सात रात तक वर्षा होती रही। तब नन्हे बालक श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और समस्त ब्रजवासियों को उसके नीचे आश्रय देकर उनकी रक्षा की।
इस अद्भुत घटना के उपलक्ष्य में ही हर वर्ष गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति संरक्षण और सामूहिकता का संदेश भी देती है। यह पर्व हमें सिखाता है कि मनुष्य, पशु-पक्षी और प्रकृति तीनों के बीच संतुलन और सम्मान का रिश्ता बना रहना चाहिए।
अन्नकूट के रूप में विविध प्रकार के अन्न और व्यंजन बनाकर भगवान को अर्पित करने की परंपरा इस बात का प्रतीक है कि हम अपनी मेहनत और समृद्धि का अंश ईश्वर और समाज के साथ बाँटें। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि भाई दूज का पर्व भी भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यह भाई-बहन के स्नेह, विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं। बदले में भाई बहन की रक्षा और सुख का वचन देते हैं तथा उन्हें उपहार देकर स्नेह व्यक्त करते हैं। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार यमराज अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उनके घर गए थे जहाँ यमुना ने उनका आदर-सत्कार कर तिलक लगाया और उनके दीर्घायु की कामना की। यमराज प्रसन्न होकर बोले कि जो भाई आज के दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा और उसका सत्कार करेगा।
उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा। तभी से यह पर्व भाई-बहन के पवित्र स्नेह का प्रतीक बन गया। ऐसे पर्व हमारे समाज में पारिवारिक एकता, प्रेम और संस्कारों की जड़ें मजबूत करते हैं। आज के बदलते समय में जब रिश्तों में दूरी और व्यस्तता बढ़ रही है, तब ये त्यौहार हमें एक-दूसरे के करीब लाने का अवसर देते हैं। शिव वर्मा ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे इन पर्वों को श्रद्धा, आनंद और सौहार्द के साथ मनाएँ।
उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति की सुंदरता ही यही है कि यहाँ हर पर्व एक संदेश देता है कोई प्रकृति की रक्षा की बात करता है तो कोई पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने की। गोवर्धन पूजा हमें प्रकृति और ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करना सिखाती है जबकि भाई दूज हमें अपने रिश्तों की अहमियत का एहसास कराती है। आइए हम सभी इन पावन पर्वों को प्रेम, सद्भाव और उत्साह के साथ मनाएँ और समाज में एकता का संदेश फैलाएँ








