राजनांदगांव। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पालकों की विशेष मांग पर जिले की प्रतिष्ठित शाला जेएलएम गायत्री विद्यापीठ में विज्ञान, क्राफ्ट एवं बाल मेले का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें कक्षा पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उक्त आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को आधुनिक विज्ञान एवं तकनीक की नई-नई अवधारणाओं से परिचित कराना तथा उन्हें भविष्य की वैज्ञानिक प्रगतियों के प्रति जागरूक बनाना था। मेले का शुभारंभ सबेरा संकेत के संपादक सुशील कोठारी के करकमलों से हुआ।
आयोजन के दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों, मॉडलों और तकनीकी प्रक्रियाओं का अनुभव किया। विज्ञान विभाग द्वारा विद्यार्थियों को यह समझाया गया कि विज्ञान कैसे जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को सरल बनाता है तथा सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाता है।
मेले में सभी विषयों से संबंधित मॉडल्स एवं चार्ट विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए, जिसकी सराहना पालकों द्वारा की गई। मुख्य अतिथि सुशील कोठारी द्वारा आयोजन की भूरि-भूरि सराहना करते हुए सभी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन कर शुभकामनाएं दी गई। गायत्री शिक्षण समिति द्वारा भी मेले का अवलोकन कर विद्यार्थियों से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गई। सभी विषयों के मॉडल्स का निरीक्षण विषय विशेषज्ञ की टीम द्वारा किया गया। जिसमें सभी ने मॉडल्स की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए टीम को बधाई दी।
इस मेले में विज्ञान विभाग द्वारा फॉरेंसिक लैब का शानदार मॉडल प्रस्तुत किया गया। साथ ही हिन्दी, इंग्लिश, गणित, सामाजिक विज्ञान आदि विषयों पर भी एक से बढ़कर एक मॉडल्स बच्चों ने प्रस्तुत किये गये। साथ ही बच्चों ने एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर भी अपनी कुशल प्रतिभा का लोहा मनवाया।
इस अवसर पर गायत्री शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. बृजकिशोर सुरजन, उपाध्यक्ष श्रीमती संध्यादेवी सिंघल, राजेश जैन, सचिव गगन लड्ढा, सहसचिव निकुंज सिंघल, कोषाध्यक्ष सूर्यकांत चितलांग्या, स्पोर्ट्स डायरेक्टर सागर चितलांग्या, संरक्षक नंदकिशोर सुरजन, श्रीमती सुषमा सुरजन, सांस्कृतिक प्रभारी हरीश गांधी, श्रीमती रूपाली गांधी, एकेडमिक डायरेक्टर अमित उत्तलवार, प्राचार्य श्रीमती शैलजा नायर, श्रीमती पिंकी खण्डेलवाल, सुश्री सीमा श्रीवास्तव, उप प्राचार्य श्रीमती रश्मि ठाकुर, श्रीमती वंदना डुंभरे, श्रीमती तामेश्वरी साहू, प्रशासक अनिल वाजपेयी, स्कूल मैनेजर तरणजीत सिंह टूटेजा एवं समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।










