गंभीर संक्रमण से ग्रसित श्वास की जिला पशु चिकित्सालय टीम ने बचाई जान

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राजनांदगांव। जिला पशु चिकित्सालय की तत्परता और चिकित्सकों की कुशलता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समय पर किया गया उपचार जीवनदायी साबित हो सकता है। अस्पताल की टीम ने प्योमेट्रा (गर्भाशय में संक्रमण) से पीड़ित छह वर्षीय मादा श्वान का सफल ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई।
जानकारी के अनुसार, श्वान को पिछले तीन माह से प्राइवेट पार्ट से मवाद (पस) का डिस्चार्ज हो रहा था। निजी उपचार के बावजूद भी कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में जब संक्रमण बढ़ने लगाए तो पेट मालिक की सहमति से जिला पशु चिकित्सालय की टीम ने तत्काल ओवरीओहिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी का निर्णय लिया। सर्जरी के दौरान श्वान के शरीर से लगभग 1.5 किलोग्राम संक्रमित गर्भाशय को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया।
जिला पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. तरुण रामटेके ने बताया कि प्योमेट्रा कुत्तों में गर्भाशय का एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है। यदि समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। यह रोग सामान्यतः वृद्ध या नसबंदी न कराई गई मादा कुत्तों में पाया जाता है। संक्रमण के दौरान गर्भाशय में मवाद भरने लगता है, जिससे श्वान में भूख कम लगना, अत्यधिक प्यास लगना, सुस्ती, उल्टी और योनि स्राव जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
डॉ. रामटेके ने बताया कि यह स्थिति अक्सर हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न होती है, जिससे शरीर का संक्रमण के प्रति प्रतिरोध घट जाता है। ऐसे में बैक्टीरिया गर्भाशय में प्रवेश कर मवाद जमा कर लेते हैं। बरसात के बाद इस बीमारी के मामले अधिक देखने को मिलते हैं।
जटिल सर्जरी के दौरान डॉ. तरुण रामटेके के साथ बलराज सिंह चौहान, शत्रुहन यादव, हर्ष ठाकुर, पीयूष कश्यप तथा इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम के सामूहिक प्रयास से सर्जरी पूरी तरह सफल रही और श्वान की स्थिति अब सामान्य है।
जिला पशु चिकित्सालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने पालतू मादा कुत्तों की समय पर नसबंदी करवाएं ताकि इस प्रकार के गंभीर संक्रमण से बचाव किया जा सके।