कलेक्टर ने खाद-बीज की उपलब्धता के संबंध में कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की ली संयुक्त बैठक

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राजनांदगांव। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने खाद-बीज की उपलब्धता के संबंध में कृषि विभाग, डीएमओ एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि खेती-किसानी को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए खाद एवं बीज की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। डीएपी की कमी को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अन्य उर्वरकों का उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से चौपाल लगाकर उर्वरक के संबंध में किसानों को जानकारी प्रदान करें। उन्होंने ऐसे स्थानों का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए जहां खाद एवं बीज का भण्डारण नहीं हो पाया है। कलेक्टर ने भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की सहभागिता से 29 मई से 12 जून 2025 तक खरीफ पूर्व राष्ट्रव्यापी विकसित कृषि संकल्प अभियान के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसानों को इस अभियान के तहत अधिक से अधिक लाभान्वित करना है। इस अभियान के अंतर्गत खरीफ फसलों की नवीनतम तकनीकों के संबंध में कृषकों को जागरूक करना, विभिन्न कृषकोन्मुखी शासकीय योजनाओं एवं नीतियों के संबंध में प्रचार-प्रसार करना, मृदा स्वास्थ्य पत्रक की अनुशंसा के आधार पर उर्वरक तथा सूक्ष्म तत्वों की आवश्यक मात्रा के निर्धारण के लिए कृषकों को जागरूक करते हुए संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कृषि विभाग को इसके लिए व्यापक तौर पर तैयारी करने के निर्देश दिए। विकसित कृषि संकल्प अभियान के क्रियान्वयन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों तथा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन विभागों के मैदानी अमला कार्य करेंगे।
उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय ने बताया कि डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके के लिए 20ः20ः0ः13 तथा एसएसपी के लिए 12ः32ः16 का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि एसएसपी के तीन बैग के साथ 20 किलोग्राम यूरिया का उपयोग करने पर डीएपी की आपूर्ति हो पाएंगी। इस अवसर पर जिला विपणन अधिकारी सुश्री हीना खान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।