एक पहल एक कोशिश संस्था के द्वारा राजनांदगांव से लगभग 120 किलोमीटर दूर वनांचल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमा पर

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एक पहल एक कोशिश संस्था के द्वारा राजनांदगांव से लगभग 120 किलोमीटर दूर वनांचल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमा पर

राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ क्षेत्र में ग्राम ग्वालगुंडी और सिंगबोरा जोकि राजनांदगांव से लगभग 120 किलोमीटर दूर वनांचल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमा पर बसा ग्राम है यहां अति सुदूर वन क्षेत्र है जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है यहां ना बिजली की व्यवस्था है ना ही आवागमन हेतु पक्की सड़क की,

यह एक आश्रित ग्राम है जिसका पंचायत वहां से लगभग 10 किलोमीटर दूर है जिसकी वजह से वहां के लोगों का जीवन यापन मुख्यतः स्वयं के द्वारा किया जाता है ग्राम में 150 घरों में लगभग 350 लोग निवासरत है ग्राम वासियों का मुख्यतः व्यवसाय तेंदूपत्ता संग्रहण का है वन एवं पर्वत के कारण वहां खेती करना संभव नहीं है,

प्रशासन द्वारा राशन की व्यवस्था प्रत्येक महीने वहां की जाती है परंतु उसके उपरांत आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती शीतकालीन के इस समय में ग्राम वासियों के लिए संस्था के माध्यम से 150 से अधिक कम्बल प्रदान किया गया एवं बच्चों के लिए पढ़ाई हेतु कॉपी पेन रबर शार्पनर स्केल पेन्सिल कंपक्स बॉक्स चॉकलेट और बिस्किट वितरण किया गया।

संस्था का प्रयास हमेशा लोगों को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करना ही है आज सभी को जीवन यापन के लिए पर्याप्त सुविधा मिल जाती है परंतु किसी क्षेत्र पर वह सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी उन तक नहीं पहुंच पाती संस्था का हमेशा प्रयास रहा है कि वहां पहुंचकर उनकी मदद की जाए।