समर्थन दर पर धान खरीदी कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदला : कांग्रेस

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राजनांदगांव। वर्तमान में समर्थन दर पर धान खरीदी जिस रफ्तार से चल रही है, उससे लक्ष्य को प्राप्त करना लगभग संभव है। यह बात कहते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष भागवत साहू ने आज प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से कहा है कि पूर्व में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की धान खरीदी नीति को उपार्जन केंद्रों में मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नीत भाजपा सरकार ने बदल दिया है। इसी के साथ उन्होंने सेवा सहकारी समितियां के माध्यम से किसानों से धान खरीदने के संबंध में 23 बातों में उन्होंने अपने बातें कही हैं।
शहर जिला कांग्रेस व जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वधान में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू ने कहा कि छग की विष्णुदेव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है। इस बार 160 लाख मिट्रिक धान खरीदी का लक्ष्य है, इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है, शनिवार-रविवार व सरकारी छुट्टी घटाकर कुल 47 दिन ही मिल रहे। इसका मतलब यह है कि प्रति दिन सरकार का लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की खरीदी प्रति करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा।
श्री साहू ने आगे कहा कि वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है, उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा। सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 मि्ंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है। सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते के रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं सिर्फ 2300 रूपए प्रति मि्ंटल ही आ रहा है, (जो समर्थन मूल्य है उतना) अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा है जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 मि्ंटल धान खरीदा जा रहा है, किसानों से पूरा 21 मि्ंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है।
बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा। सोसायटी में बारदाना की कमी है, किसान परेशान है। सरकार ने कहा कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है।
धान खरीदी केन्द्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है किसान घंटों खड़े रहते है। आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद भी टोकन नहीं मिल रहा है। धान की कीमत का भुगतान 3217 रूपए में करें, क्योंकि 3100 रूपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रूपए बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रूपए से बढ़ाकर 3217 रूपए किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रूपए में धान खरीदी किया था।
धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है। नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बंफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास से अधिकार होता था कि वे समय-सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सके। अब जो बदलाव हुआ हुआ है, उसके बाद बंफर स्टॉक बाद बंफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है। धान खरीदी केन्द्रों में जगह की कमी आ रही है। पहले मार्कफेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी। अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को यानी समितियों-संग्रहण केन्द्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा। धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति मि्ंटल 120 रूपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेशभर में 100 नई राइस मिलें खुली थी। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रूपए को घटाकर 60 रूपए कर दिया है। इस कारण राईस मिलर हड़ताल पर है धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रूपए देने के फैसले के बाद विभिन्न जिलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे है।
पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से पीसीसी महासचिव शाहिद खान, थानेश्वर पाटिला, प्रदेश प्रवक्ता रूपेश दुबे, पंकज बांधव, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष विकास त्रिपाठी, मोहम्मद यहया, हनी ग्रेवाल, किशोर श्रीवास्तव, मनीष साहू आदि उपस्थित थे।