मेडिकल कालेज के डॉक्टर चेतन साहू कर रहे नियमों का उल्लंघन, अधीक्षक से हुई शिकायत

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राजनांदगांव। मेडिकल कॉलेज के एमडी मेडिसीन डॉक्टर चेतन साहू ने नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस नियमावली का खुला उल्लंघन करते हुए बाजार में क्लीनिक खोल दी है और मरीजों को एडमिट भी कर रहें है, जबकि इस नियम के तहत एक सरकारी डॉक्टर केवल अपने सरकारी आवास में ही प्रैक्टिस कर सकता है। मामला गंभीर है, जिसे देखते हुए भाजपा अनुसूचित जाती मोर्चा प्रकोष्ठ के प्रदेश मंत्री आशीष डोंगरे ने इसकी शिकायत मेडिकल कालेज के अधीक्षक प्रदीप बेक से की है और जल्द ही कार्यवाही ना होने की स्तिथि में आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
ज्ञापन देते हुए आशीष डोंगरे ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज में पदस्थ चिकित्सा व्याख्याता डॉ. चेतन साहू सृष्टि कॉलोनी में निजी क्लिनिक चला रहे हैं, यहां अस्थाई व्य्वस्था बनाकर वे एक तरह से अस्पताल का ही संचालन कर रहे हैं, उनके क्लिनिक में मरीजों को ड्रीप चढ़ाई जाने के साथ दूसरे टेस्टस भी कराए जा रहे हैं। वे यहां मरीजों को ऑब्जेर्वेशन के लिए दाखिल करते हैं जो कि अनुचित हैं। उन्होंने कहा कि शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल का चिकित्सक होने के नाते उन्हें मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी में ही देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाए वे ऐसे मरीजों को अपने क्लिनिक बुला रहे हैं और मनमानी फीस वसूल कर रहे हैं। यही नहीं अपने निजी क्लिनिक संचालन के लिए वे मेडिकल कॉलेज के वार्डों में कम समय दे रहे हैं।
आशीष ने कहा कि डॉ. चेतन साहू अपने क्लिनिक में जो अस्थायी व्यवस्था के तहत अस्पताल सरीखी सुविधाएं संचालित कर रहे हैं, उस एवज में लोगों से कई गुना फीस वसूली जा रही है, जबकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ये सुविधाएं निम्न शुल्क या मुफ्त दी जाती हैं। ऐसी व्यवस्थाओं के साथ संचालन अस्प्ताल के लिए तय नियम शर्तों की अवहेलना भी है। यहां गैर अनुभवी स्टॉंफ रखकर उनसे इजेंक्शन लगवाए जाने सहित कई और ट्रीटमेंट करवाए जा रहे हैं। किसी दिन अगर यहां अप्रिय घटना घट जाती है, ईलाज में लापरवाही से किसी की मृत्यु हो जाती है, तो इसकी जवाबदेही तय करना भी मुश्किल होगा।
डॉ. चेतन साहू ने दोनों जगह यानी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल परिसर में अपने नाम से सरकारी आवास एलाट करा रखा है, जबकि वे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवा दे रहे है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पेंड्री में स्थानांतरित होने के बाद नियमतः डॉ. चेतन को जिला अस्पताल परिसर में एलाट सरकारी आवास को छोड़ देना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, अभी भी उनके नाम की तख्ती जिला अस्पताल परिसर के सरकारी आवास में चस्पा है।