राजनांदगांव। भारत सरकार द्वारा तीन नवीन आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 01 जुलाई 2024 से लागू हो गया है। तीनों नवीन कानून की जानकारी एवं उसके क्रियान्वयन के संबंध में जन सामान्य नागरिकों को जानकारी देने के लिए पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) मुकेश ठाकुर एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के मार्गदशन मे जिले के सभी थाना-चौकी में जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें थाना-चौकी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं आसपास के लोगों को थाना-चौकी में आमंत्रित कर तीनों नवीन कानूनों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ की नवीन कानून के क्रियान्वयन में पुलिस की भूमिका एवं कार्यप्रणाली के संबंध में भी लोगों को जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में नए कानूनों के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार, साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और तकनीकी धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के अपराध के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया गया। साथ ही बताया गया कि इन नई संहिताओं को आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य नागरिकों को बताया गया कि नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पहली बार जीरो एफआईआर की शुरुआत होगी। अपराध कहीं भी हुआ हो उसे अपने थाना क्षेत्र के बाहर भी रजिस्टर किया जा सकेगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन और प्रावधान शामिल किए गए हैं। जिसमें मौजूदा कानूनी ढांचे को अधिक संक्षिप्त और सरल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे आम नागरिक इसे आसानी से समझ सकें। जांच प्रक्रियाओं और न्यायिक कार्यवाही में आधुनिक तकनीकी उपकरणों और डिजिटल सबूतों के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। साथ ही आरोपी और पीड़ित दोनों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई प्रावधान शामिल किए गए हैं।
उक्त कार्यक्रम में नवीन आपराधिक कानूनों में जोड़े गए नई धाराओं, पुराने कानून से हटाई गई धाराओ एवं आवश्यक परिवर्तनों की विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 ने भारतीय दंड संहिता 1860 को प्रतिस्थापित किया है, जिसमें 358 धाराओं को शामिल किया गया है। अधिकांश प्रावधानों को बनाये रखा गया है, नये अपराधों को पेश किया गया है, न्यायालय द्वारा बाधित धाराओं को समाप्त किया गया है और विभिन्न अपराधों के लिए दंड बढ़ाया गया है। जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया गया कि तीनों कानून के संबंध में लोगों को बताये एवं शांति व सौहाद्र बनाये रखने हेतु अपील की गई। राजनांदगांव पुलिस सदा आपके सुरक्षा हेतु तत्पर है।
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