छत्तीसगढ़ी एम.ए.के छात्रों ने स्थानीय साहित्यकारों‌ से भेंट कर लिए टिप्स

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*छत्तीसगढ़ी एम.ए.के छात्रों ने स्थानीय साहित्यकारों‌ से भेंट कर लिए टिप्स* *

रायपुर से साहित्यिक धरा राजनांदगांव पहुंचे एम०ए० के छात्र*

राजनांदगांव / एम.ए. छत्तीसगढ़ी प्रदेश छात्र संगठन के छात्रो का शनिवार को साहित्यिक धरा राजनांदगांव आगमन हुआ। छ०ग०एम ए के छात्रों ने यहां आकर एक संगोष्ठी के माध्यम से यहां के स्थानीय साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा संबंधित टिप्स लिए और गौरवान्वित महसूस की।

छात्र संघ के अध्यक्ष रितु राज साहू व जिले के सक्रिय सदस्य रमेश साहू के अगुवाई में छत्तीसगढ़ी भाषा को जन-जन तक पहुंचाने व भाषा बनाकर छत्तीसगढ़ी को पाठ्यक्रम में शामिल करने सहित कालेज में छत्तीसगढ़ी के प्राध्यापक पद सृजित करने की मांग को लेकर राजनांदगांव पहुंचे छात्रों ने वरिष्ठ साहित्यकार कुबेर साहू सहित छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति-जिला इकाई के अध्यक्ष एवं छ०ग० राज भाषा आयोग के जिला समन्वयक आत्माराम कोशा “अमात्य” कवि/ समालोचक महेंद्र बघेल “मधु” ओमप्रकाश साहू “अंकुर” लखन लाल साहू “लहर” आदि से सौजन्य मुलाकात की।

इस दौरान बसंतपुर स्थित जिला साहू भवन में संगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया जिसमें में छात्रों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ी के वरिष्ठ साहित्यकार ,आत्माराम कोशा “अमात्य”ने कहा‌ कि छत्तीसगढ़ की धन्य धरा के साहित्यकार प० सुंदरलाल शर्मा, डॉ, खूबचंद बघेल, ठा० प्यारे लाल सिंह आदि जैसे मूर्धन्य जन सन् 1952 से पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की मांग करते चले आ रहे थे।

जिसका सपना 48 साल बाद एक कवि हृदय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के हाथो साकार ‌हुआ ।अब हम प्रदेश में छत्तीसगढ़ी भाषा की प्रतिष्ठा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। हांलांकि इस लड़ाई ‌के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा मिल चुका है। लेकिन इसे केन्द्र की आठवीं अनुसूची में शामिल करना बाकी है। इस संबंध में ऋतुराज साहु‌ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ी एम०ए०छात्र संगठन के छात्रों ने महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के‌ लिए जो निवेदन व प्रयास किया वह निश्चय ही तारीफ के काबिल है। श्री कोशा ने इसके लिए उन्हें शाबाशी दी।

इस दौरान दुर्ग से आए गीतकार गिरवर दास मानिकपुरी , महेंद्र बघेल मधु, लखन लाल लहर जनपद सदस्य योगेंद्र वैष्णव ने भी संबोधित किया । संगोष्ठी मे छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रितु राज साहू ने छत्तीसगढ़ी जुडाव यात्रा के उद्देश्य के संबंध में विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला । कार्यक्रम में साकेत साहित्य परिषद -सुरगी, शिवनाथ साहित्य धारा डोंगरगांव के कवि/ साहित्यकारों सहित लोक सांस्कृतिक संस्था‌ धरती के सिंगार भोथीपारकला के संचालक महेश्वर प्रसाद साहू पुरवाही साहित्य समिति के संयोजक ओमप्रकाश साहू “अंकुर” पवन यादव “पहुना” आंनद राम सार्वा डोहर दास साहू आदि की उपस्थिति रही।जिनके द्वारा विभिन्न रसोद्रेक से पूरित कविताओं का पाठ किया गया।

राजधानी रायपुर से छत्तीसगढ़ी संदेशा जुड़ाव अभियान कार्यक्रम के दौरान सिंघोला की मां भानेश्वरी का दर्शन कर राजनांदगांव पहुंचे छात्र संगठन के रमेश साहू, दुर्गा साहू, जितेन्द्र वर्मा,अजय पटेल, योगेंद्र,सुग्रीव साहू, तारकेश्वर साहू, संजीव साहू,गगन सिंह गुरू , विनय बघेल, जिनेन्द्र यादव,खिलेन्द्र यादव, भागचंद सिन्हा,राज निषाद सहित 40 से अधिक छात्र छात्राओं ने शहर के दिग्विजय कालेज सहित अन्य शिक्षण संस्थानों का भ्रमण किया और गर्वोन्नत महसूस करते हुए साहित्यिक मनीषी पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी ,गजानन माधव “मुक्तिबोध” बल्देव प्रसाद मिश्र, कुंजबिहारी चौबे, नंदूलाल चोटिया की धरती को प्रणाम किया। वे सभी यहां से मां बम्लेश्वरी के दर्शन‌ करने धर्म नगरी डोंगरगढ़ के लिए प्रस्थान किए।कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश साहू अंकुर व उपस्थितों का आभार प्रदर्शन संजीव साहू एम.ए.छत्तीसगढ़ी छात्र ने किया।