केन्द्र सरकार निरस्त की गई ट्रेनों को शुरू कर आम जनता को राहत देंः कुलबीर 0
कांग्रेसजनों ने ट्रेंनो के परिचालन को लेकर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन0
त्यौहारी सीजन में छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली प्रमुख ट्रेनों को रद्द कर रही केन्द्र सरकार
राजनांदगांव। रेलवे द्वारा लगातार यात्री ट्रेनांे को निरस्त कर आम जनता पर आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जनता की समस्यों को देखते हुए शहर जिला कांग्रेस व ग्रामीण कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री के नाम जिला कार्यालय में बड़ी संख्या में पहंुचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल निरस्त की गई सभी ट्रेनों को सुचारू रूप से चालू करने ज्ञापन सौंपा।
जानकारी देते हुए शहर कांग्रेस महामंत्री अमित चंद्रवंशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली अधिकांश यात्री ट्रेनों को रद्द कर रही जिसके कारण दैनिक यात्री सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं, कामगार, नौकरीपेशा आम यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस गंभीर विषय को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज जी के निर्देशानुसार शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा व जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द निरस्त यात्री ट्रेनों को बहाल कर आम जनता को राहत दिलाने की मांग की।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था बिना किसी वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है और रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महिनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता हैं।
महिनों पहले यात्रा की योजना बनाकर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे व केन्द्र सरकार को कोई मतलब नहीं रहता है। केन्द्र सरकार रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षडयंत्र रचा जा रहा है और यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर कभी कोई और कारण बताकर यह सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोगों को रेलवे की लेटलतीफी और निरस्त होने की आदत पड़ जाए और रेलवे का निजीकरण कर चुनिंदा पुंजीपतियों के हवाले कर सके।
जबकि पूर्व की सरकारें घाटा उठाकर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है।श्री छाबड़ा ने आगे बताया कि मोदी सरकार के राज में रेलवे में मिलने वाली बुजुर्गों की छूट, छात्रों को मिलने वाली रियायत खा गई। किराए में बेतहाशा वृद्धि, प्लेटफार्म टिकिट तक में कई गुना वसूली, छत्तीसगढ़ के लाखों रेल यात्रियों, छोटे कामगार, नौकरीपेशा, छात्र-छात्राएं, स्टेशन के कुली और आटो चालकों की समस्या पर केन्द्र सरकार मुंह में दही जमाकर बैठे है। वहीं केन्द्र सरकार जनप्रतिनिधि एवं छत्तीसगढ़ के सरकार के विपक्ष के लोग भी जनता के प्रति अपने कर्तव्य निभाने से भाग रहे हैं।
बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ आता है यहां से केवल माल भाड़े से केन्द्र की सरकार 20000 से 22000 करोड़ रूपए हर साल कमाती है। लेकिन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को केन्द्र की उपेक्षा ही मिली है। केन्द्र सत्ता पक्ष बताएं कि छत्तीसगढ़ के यात्रियों से आखिर किस बात का बदला ले रही है केन्द्र सरकारघ् पिछले तीन साल का आंकड़ा निकालो तो वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें, 2021 में 32151 ट्रेनें, वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें, वर्ष 2023 में (अपै्रल माह तक) 208 ट्रेनें व वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त 2023 के अंतिम तक रद्द की गयी है। कुल मिलाकर 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया। जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू ने कहा कि ट्रेन मेन्टेंनेंस के कारण ट्रेनों को रद्द किया गया है तो फिर उसी रेलवे ट्रेक पर मालगाड़ियांे का परिचालन कैसे किया जा रहा है, न सिर्फ मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा उनकी संख्या दोगुनी भी कर दी गयी है। छत्तीसगढ़ की धरती रत्नगर्भा है, यहां कोयले का प्रचुर भंडार है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस की मजबूत सरकार होने का मतलब यह तो नहीं कि खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। जिन मार्गों पर ट्रेनों को बंद किया गया वहां पर कुछ दूसरी ट्रेन चलेगी। धड़ल्ले से मालवाहन ट्रेन भी चलेगी।
फिर शेष ट्रेनों को चलाने में क्या परेशानी होगीघ् जब सवारी ट्रेनों से 50 गुना ज्यादा वजन लेकर मालगाड़ियां चल सकती है तब सवारी गाड़ी को ही क्यों बंद किया गयाघ् जबकि इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा दर्जनों बार देश के प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था को दुरूस्त करने पत्र लिख चुके है लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रति केन्द्र की उपेक्षा, भेदभाव और अव्यवस्था यथावत जारी है। सबसे ज्यादा कमाई करके देने वाले बिलासपुर जोन, जिसके अंतर्गत पूरा छत्तीसगढ़ आता है वहीं के यात्रियों को सुविधा से वंचित और उपेक्षित रखा जा रहा है। केन्द्र का सत्ता पक्ष बताए कि अचानक दर्जनों ट्रेनें निरस्त करके प्रताड़ित करने का कारण क्या हैघ् पूर्ववर्ती सरकारें रेलवे को नागरिकों की सुविधा के लिये चलाती थी,
केन्द्र सरकार कमाने के लिये जनता को लूटने के लिये इस्तेमाल कर रही। रेलवे स्टेशन पर टिकिट बिक्री बंद कर टिकिटों के दाम बढ़ा दिया गया। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव व 9-9 सांसद जनता के प्रति अपना धर्म निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।
कांग्रेसजनों ने जनता की इस पीड़ा को समझते हुए डिप्टी कलेक्टर श्रीमती एस बंजारे को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रमुख रूप से छग खादी एवं ग्रामोद्योग के सदस्य श्रीकिशन खंडेलवाल, महापौर हेमा देशमुख, वरिष्ठ कांग्रेसी रमेश डाकलिया, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष श्रीमती शारदा तिवारी, विकास त्रिपाठी, महामंत्री झम्मन देवांगन, महेन्द्र शर्मा, राजीव कुरियाकोस, नासिर जिंदरान, भारतयात्री क्रांति बंजारे, हिमानी वासनिक, मंडी अध्यक्ष गोवर्धन देशमुख, उतर ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ अली, दक्षिण ब्लॉक अध्यक्ष सूर्यकांत जैन, एचबी गाजी, केके सिंह, महिला कांग्रेस अध्यक्ष माया शर्मा, विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष विनीता मदान, शरद खंडेलवाल, मनीष गौतम, सेवादल अध्यक्ष अमित खंडेलवाल, मुकेश बागड़े, राजेश चंदेल, भोजराज भेलावे, किसान कांग्रेस अध्यक्ष मदन साहू, महेन्द्र साहू, सरपंच राजेन्द्र साहू, पार्षद सिद्धाथ डोंगरे, दुलारी साहू, पूर्णिमा नागदेवे, मनीष साहू, महेश साहू, एजाजूर रहमान, मामराज अग्रवाल, अब्बास खान, सुरेन्द्र गजभिए, सुरेन्द्र देवांगन, नारायण सोनी, रहीम मेमन, विद्या तिरपुडे, मोहम्मद हसन, रीना पटेल, सुनील रामटेके, कांति देवांगन, सूरज शर्मा, रमाशंकर यादव, दीनू साहू, मयंक सोनी सहित कांग्रेसजन उपस्थित थे।
