राजनांदगांव। जिले के नक्सल प्रभावित मानपुर ब्लॉक मुख्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने जेल भरो आंदोलन कर तथाकथित पुलिस प्रताड़ना के विरुद्ध प्रदर्शन किया। लगभग बीस हजार आदिवासी ग्रामीणों के बीच जेल भरो आंदोलन संभावित था, लेकिन पुलिस ने जगह-जगह चेक प्वाइंट लगाकर कई आंदोलनकारियों को मानपुर पहुंचने से पहले ही रोक लिया तथा वापस लौटा दिया। ऐसे मे करीब-करीब तीन हजार की भीड़ मे ये आंदोलन सिमट कर रह गया। हालांकि आदिवासी ग्रामीणों ने यहां गोंड़वाना भवन के सामने आम सभा आयोजित की। वहीं तथाकथित पुलिस प्रताड़ना समेत नक्सलवाद के मुद्दे पर शासन-प्रशासन तथा पुलिसिया कार्य प्रणालियों की तीखी आलोचना करते हुए उद्बोधनों के जरिये अपना विरोध दर्ज किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम यहां बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। भारी भरकम पुलिस बल के सुरक्षा घेरे मे आयोजित सभा के दौरान विभिन्न गांवों से यहां पहुंचे तथा कथित पुलिस पीड़ित ग्रामीणों ने मंच से अपनी आप बीती मौजूद नेताओ व जनता को सुनाई। इस बीच अरविंद नेताम समेत अन्य कई वक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी हितों की रक्षा की बात की। वहीं विभिन्न पुलिस-नक्सल मुठभेड़ों व नक्सल गिरफ्तारियों का हवाला देते हुए पुलिस पर निर्दोष आदिवासियों से पुलिस द्वारा मारपीट करने, उन्हें नक्सली बताकर फर्जी तरीके से गिरफ्तार करने तथा मुठभेड़ों के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों को मारने जैसे संगीन आरोप पुलिस पर लगाए गए।
सुबह से शुरू जेल भरो आंदोलन व सभा शाम होते-होते आंदोलनकारियो की औपचारिक गिरफ्तारी व मांग पत्र के साथ समाप्त हुई। एसडीएम मानपुर अमित योगी ने सभा स्थल को ही अस्थाई जेल घोषित किया, जहां कुछ समय बैठे रहकर आंदोलनकारियों ने जेल भरो आंदोलन की औपचारिकता निभाई। वहीं इस दौरान एसडीएम मोहला हेमेंद्र भूआर्य को राज्यपाल के नाम 20 सूत्रीय मांगों से युक्त ज्ञापन भी सौंपा गया तथा जल्द उक्त मांगों के निराकरण व कार्यवाही की मांग की गई। दूसरी ओर जिले के कलेक्टर एस. जयवर्धन एस पी के साथ खुद तमाम घटनाक्रमों पर नजर बनाए रहे।
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