राजनांदगांव। इन दिनों कुर्सी हथियाने के लिए आबकारी विभाग को अखाड़ा बना दिया गया है। लगातार फर्जी शिकायत कर वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों की छवि धूमिल की जा रही है। हाल ही में आबकारी महिला उप निरीक्षक के खिलाफ सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के आधार पर संगीन आरोप लगाए जा रहे हैं। बिना कोई पड़ताल के यह समाचार तमाम बड़े अखबारों की सुर्खियां बन चुकी है। यह सभी गतिविधियां पूर्व नियोजित है। जिसे पर्दे के पीछे से एक ही शख्स अंजाम दे रहा है। वो है अमित मिश्रा। जी हां प्लेसमेंट कंपनी का पूर्व लोकेशन ऑफिसर। जिसकी अब राजनांदगांव से छुट्टी कर दी गई है। अपने कार्यकाल के दौरान शराब के अवैध कारोबार की थोक शिकायतों से घिरे रहे अमित मिश्रा का लिंक महिला उप निरीक्षक मामले से तब जुड़ा जब वाइन शॉप के सुपरवाइजर लामबंद हुए।
सोमवार को वाइन शॉप सुपरवाइजर शिकायत करने एसपी ऑफिस पहुंचे, यहां उन्होंने एएसपी राहुल देव शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान सुपरवाइजर गजेंद्र सिंह राजपूत धर्मेंद्र साहू, कैलाश कुमार, विनोद डोंगरे, नंदू कुमार, राजू पड़ोती, प्रेमलाल, परमानंद साहू, धनपत, पिंटू कुमार सहित अन्य ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया में वायरल वीडियो जिसे आबकारी महिला उपनिरीक्षक का बताया जा रहा है, यह बिल्कुल गलत है। वायरल वीडियो में जो आवाज सुनाई दे रही है वह महिला अधिकारी की नहीं है उसे डबिंग किया गया है और यह साजिश महिला अधिकारी को बदनाम करने के लिए पूर्व लोकेशन ऑफिसर अमित मिश्रा ने ही की है। अमित मिश्रा आबकारी विभाग में वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों की छवि धूमिल करना चाहता है, ताकि उनके हटते ही वह दोबारा राजनांदगांव में पैर जमा सके। सुपरवाइजर ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है जिस पर से पुलिस अधिकारी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सुपरवाइजर ने पुलिस अधिकारी और मीडिया को बताया कि पूर्व के वर्षों में लोकेशन ऑफिसर अमित मिश्रा वाइन शॉप में काम करने वाले प्लेसमेंट कंपनी के कर्मचारियों पर दबाव बनाकर अवैध रूप से कोचियों को शराब बिकवाता था। अवैध कार्य करने से मनाही करने पर अमित मिश्रा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और जान से मारने की धमकी देता था। बात नहीं मानने पर कई कर्मचारियों को उसने निकाल भी दिया था। यहां तक कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह अवैध वसूली का कार्य करता था, जो कर्मचारी मंथली पेमेंट से नहीं देता था उसे कार्य से पृथक करके नए कर्मचारी नियुक्त कर अस्सी से नब्बे हजार रुपए लेता था। कुछ दिन काम में रखने के बाद आरोप लगाकर रखे गए कर्मचारी को पृथक किया जाकर नौकरी में रखने के लिए नए कर्मचारियों का तलाश करता था। उक्त कर्मचारियो को वर्तमान मे ओव्हर रेट मे मदिरा बेचने के लिए तथा कोचियो को मदिरा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस दौरान वर्तमान में कार्यरत सुपरवाईजर अमित मिश्रा का बात नहीं माने तो उसे देख लेने की घमकी देता है। अमित मिश्रा इन्हीं ईमानदार सुपरवाईजर को बदनाम करने तथा अपने अंगुली में नचाना चाहता था, लेकिन सुपरवाईजर अमित मिश्रा का मानने से इंकार किया और साहस दिखाकर लिखित में पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौपा।
सुपरवाइजर ने बताया कि सहायक आयुक्त के आने के बाद से अवैध कार्य पर प्रतिबंध लग चुका है। साथ ही अवैध कार्य को पोषित करने वाले अमित मिश्रा की छुट्टी कर दी गई है। वर्तमान में सभी शराब दुकानों के सीसीटीवी कैमरा को दुरुस्त कर दिया गया है। एकाएक अवैध कारोबार बंद होने से अमित मिश्रा बौखला गया है और अधिकारियों को हटाने के लिए फर्जी शिकायत और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने के साथ ही समाचार पत्रों में बेबुनियाद न्यूज का प्रकाशन करवा रहा है। सुपरवाइजर ने अमित मिश्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।